Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    अलग धर्मों के युवक-युवती ने की शादी, परिवार से धमकियां मिलने पहुंचे दिल्ली HC ने की ये अहम टिप्पणी

    By Jagran NewsEdited By: Geetarjun
    Updated: Mon, 25 Sep 2023 12:25 AM (IST)

    एक नवविवाहित युगल को सुरक्षा प्रदान करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि जीवनसाथी चुनने का अधिकार आस्था और धर्म के मामलों से प्रभावित नहीं हो सकता है। विवाह करने का अधिकार मानवीय स्वतंत्रता का मामला है। न्यायमूर्ति सौरभ बनर्जी की पीठ ने कहा कि जब दो वयस्कों की सहमति शामिल हो तब सरकार समाज या माता-पिता को भी उनकी पसंद को सीमित करने का अधिकार नहीं है।

    Hero Image
    अलग धर्मों के युवक-युवती ने की शादी, परिवार से धमकियां मिलने पहुंचे दिल्ली HC ने की ये अहम टिप्पणी

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। एक नवविवाहित युगल को सुरक्षा प्रदान करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि जीवनसाथी चुनने का अधिकार आस्था और धर्म के मामलों से प्रभावित नहीं हो सकता है। विवाह करने का अधिकार मानवीय स्वतंत्रता का मामला है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    न्यायमूर्ति सौरभ बनर्जी की पीठ ने कहा कि जब दो वयस्कों की सहमति शामिल हो तब सरकार, समाज या माता-पिता को भी उनकी पसंद को सीमित करने का अधिकार नहीं है। अदालत ने कहा कि जब देश का संविधान प्रत्येक व्यक्ति को किसी भी धर्म को स्वतंत्र रूप से मानने और प्रचार करने का अधिकार देता है तो विवाह के मामलों में इन पहलुओं के लिए प्रत्येक व्यक्ति को स्वायत्तता की भी गारंटी देता है।

    प्रेम-विवाह करने वाले युगल ने मांगी थी सुरक्षा

    इस टिप्पणी के साथ अदालत ने युगल को सुरक्षा प्रदान की। याचिका में युवती ने आरोप लगाया था कि उसके परिवार के सदस्य धमकियां दे रहे हैं। दोनों ने 31 जुलाई को विशेष विवाह अधिनियम के तहत विवाह किया था।

    स्वजनों की इच्छा के खिलाफ किया विवाह

    उन्होंने यह कहते हुए सुरक्षा देने की मांग की थी कि वे अलग-अलग धर्म से हैं और स्वजन की इच्छा के विरुद्ध विवाह किया है। अदालत ने कहा कि महिला के माता-पिता को उस जोड़े के जीवन और स्वतंत्रता को खतरे में डालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

    ये भी पढ़ें- 'तलाक लेने के लिए मजबूर नहीं कर सकती पारिवारिक अदालतें', दिल्ली HC ने अपील याचिका खारिज करते हुए की टिप्पणी

    अदालत ने संबंधित बीट कांस्टेबल और एसएचओ का मोबाइल नंबर दंपती को देने का निर्देश दिया। जरूरत पड़ने पर इन नंबरों पर संपर्क करने के लिए कहा।