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    कुत्ते इंसानों के सबसे अच्छे दोस्त, उनके साथ अच्छा व्यवहार करें, दिल्ली HC ने की टिप्पणी

    Updated: Wed, 06 Aug 2025 08:19 PM (IST)

    दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि कुत्ते इंसानों के सबसे अच्छे दोस्त हैं उनके साथ अच्छा व्यवहार करें। अदालत ने अधिकारियों को आवारा कुत्तों के पुनर्वास के लिए सुझाव देने का निर्देश दिया ताकि इंसानों और जानवरों के बीच संघर्ष कम हो। अदालत ने नसबंदी के समाधान को कारगर नहीं माना।

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    कुत्ते इंसान के अच्छे दोस्त, किया जाना चाहिए अच्छा बर्ताव: हाई कोर्ट। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते कुत्तों के आतंक की घटनाओं के बीच बुधवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि कुत्ते इंसानों के सबसे अच्छे दोस्त होते हैं और उनके साथ अच्छा व्यवहार किया जाना चाहिए।

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    अदालत ने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कुत्तों और इंसानों के बीच संघर्ष कम से कम हो। उक्त टिप्पणी करते हुए न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा की पीठ अधिकारियों और अन्य संबंधित पक्षों को आवारा कुत्तों के पुनर्वास के संबंध में सुझाव देने का निर्देश दिया ताकि इंसानों और इंसानों के बीच संघर्ष को कम से कम किया जा सके।

    अदालत ने कहा कि कुत्ते दुनिया के सबसे प्यारे जानवर हैं और इंसान के सबसे अच्छे दोस्त हैं। अदालत ने कहा कि इंसान और कुत्ते दोनों ही पीड़ित हैं। न तो इंसान सुरक्षित हैं और न ही कुत्ते। कुत्ते प्यारे जानवर हैं।

    सुनवाई के दौरान समस्या के समाधान के लिए लगभग 70 प्रतिशत कुत्तों की नसबंदी के प्रस्तावित समाधान की जानकारी दिए जाने पर पीठ ने कहा कि इस समाधान में कम से कम तीन दशक लग गए हैं, लेकिन कुछ भी नहीं बदला है। पीठ ने कहा कि नसबंदी बिल्कुल भी कारगर नहीं है और यह कोई समाधान नहीं है।

    अदालत ने यह टिप्पणी तब की जब जब उन्हें बताया गया कि पूर्व में आश्रय गृह में भेजे गए लगभग 200 कुत्तों को अब सड़क पर छोड़ा जाना है क्योंकि एमसीडी द्वारा अस्थायी आश्रय गृह को ध्वस्त किया जाना था।

    अदालत ने इस दलील पर ध्यान दिया कि जीएनसीटीडी के मुख्य सचिव द्वारा आयोजित बैठक में केवल कुत्तों की नसबंदी के संबंध में ही प्रस्ताव आया था। पीठ ने कहा कि विभिन्न पशु जन्म नियंत्रण केंद्र और 78 पशु चिकित्सालय बंद पड़े हैं।

    उक्त टिप्पणी व निर्देश के साथ अदालत ने मामले की अगली तारीख 17 सितंबर तय की है। इससे पहले अदालत ने अधिकारियों से संस्थागत स्तर पर आवारा कुत्तों के पुनर्वास के लिए एक नीति बनाने को कहा था ताकि उन्हें सार्वजनिक सड़कों और गलियों से विभिन्न चरणों में हटाया जा सके।