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Money Laundering Case: सत्येंद्र जैन की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने जारी किया नोटिस

Money Laundering Case अदालत ने निर्देश दिया कि इस मामले पर शुक्रवार से ही दिन-प्रति-दिन की सुनवाई करते हुए एक सप्ताह के अंदर निपटारा किया जाए। अब तक इस मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल कर रही थी।

By AgencyEdited By: JP YadavPublished: Mon, 26 Sep 2022 12:34 PM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2022 12:34 PM (IST)
दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन की फाइल फोटो।

नई दिल्ली, एजेंसी। मनी लांड्रिंग मामले में आरोपित दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन से जुड़े मामलों की सुनवाई किसी अन्य अदालत में करने की मांग वाली प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की स्थानांतरण याचिका को राउज एवेन्यू कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। वहीं, आरोपित सत्येंद्र जैन ने इस आदेश को दिल्ली हाई में चुनौती दी है। इस पर सुनवाई करते हुए सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश के आदेश को चुनौती देने वाली दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन की याचिका पर नोटिस जारी किया है।  

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विकास ढुल की अदालत में स्थानांतरित है मामला

बता दें कि शुक्रवार को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनय कुमार गुप्ता ने निर्णय सुनाते हुए मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश विकास ढ़ुल की अदालत में स्थानांतरित कर दिया। 

राहुल मेहरा ने की थी जल्द सुनवाई की मांग

वहीं, निचली अदालत के निर्णय को शुक्रवार को ही सत्येंद्र जैन ने वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा के माध्यम से दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी। इस पर सोमवार को सुनवाई हुई। राहुल मेहरा ने मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा के समक्ष दलील दी कि उनके मामले पर जल्द से जल्द सुनवाई की आवश्यकता है क्योंकि निचली अदालत ने एक सप्ताह में मामले का निपटारा करने का आदेश दिया है।

सोमवार के लिए मामले को सूचीबद्ध करने का अनुरोध करते हुए राहुल मेहरा ने कहा कहा था कि कि अगर जल्द सुनवाई नहीं हुई तो उसकी याचिका निष्फल हो जाएगी। मुख्य पीठ ने मेहरा के अनुरोध को स्वीकार करते हुए याचिका साेवमार के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।

ईडी का तर्क, सत्येंद्र जैन कर सकते हैं सत्ता का दुरुपयोग

स्थानांतरण याचिका पर ईडी ने निचली अदालत में कहा था कि बतौर स्वास्थ्य व जेल मंत्री सत्येंद्र जैन ने इन महकमों काे संभाला है और वह सत्ता, धन और प्रभाव का उपयोग कर सकते हैं। ईडी ने कहा था कि सत्येंद्र जैन जेल मंत्री थे और उन्होंने न्यायिक हिरासत के दौरान ज्यादातर समय अस्पताल में बिताया। इस दौरान दी गई चिकित्सा रिपोर्ट फर्जी थी।राजू ने कहा कि हमने सभी दस्तावेज अदालत को दिए, लेकिन कुछ नहीं हुआ।

नहीं हुआ नियमों का उल्लंघन

वहीं, सत्येंद्र जैन की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा था कि उन्हें जेल मैनुअल के अनुसार एलएनजेपी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया था और इसमें कोई उल्लंघन नहीं हुआ था। उन्होंने कहा था कि जब उसी जज ने जैन को रिमांड पर भेजा तब सब ठीक था। कपिल सिब्बल ने कहा था कि स्थानांतरण के संबंध में ईडी द्वारा लिया गया आधार पूरी तरह से अस्पष्ट है।


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