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दिल्ली हाई कोर्ट से सत्येंद्र जैन को झटका, मनी लॉन्ड्रिंग केस के ट्रांसफर को चुनौती देने वाली याचिका हुई खारिज

दिल्ली हाई कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग केस के ट्रांसफर को चुनौती देने वाली मंत्री सत्येंद्र जैन की याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने कहा कि सवाल न्यायाधीश की ईमानदारी या ईमानदारी का नहीं है बल्कि एक पक्ष के मन में एक आशंका का है।

By Vineet TripathiEdited By: Mohd FaisalPublished: Sat, 01 Oct 2022 12:42 PM (IST)Updated: Sat, 01 Oct 2022 12:42 PM (IST)
दिल्ली हाई कोर्ट से सत्येंद्र जैन को झटका, मनी लॉन्ड्रिंग केस के ट्रांसफर को चुनौती देने वाली याचिका हुई खारिज
दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन की फाइल फोटो

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली हाई कोर्ट ने शनिवार को दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ मनी लांड्रिंग से जुड़े मामले को दूसरी अदालत में स्थानांतरित करने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी थी।

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हाई कोर्ट से सत्येंद्र जैन को झटका

स्थानांतरण आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को न्यायमूर्ति योगेश खन्ना की पीठ ने निरस्त कर दिया है। पीठ ने कहा कि सवाल उस न्यायाधीश की ईमानदारी नहीं है, जिसके पास से मामला स्थानांतरित किया गया था, बल्कि विरोधी पक्ष (प्रवर्तन निदेशालय) के मन में आशंका का है।

ईडी पर उठाए थे सत्येंद्र जैन ने सवाल

पीठ ने कहा कि तथ्यों से पता चलता है कि ईडी ने न केवल पूर्वाग्रह की आशंका को बरकरार रखा है, ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि उसकी आशंका कमजोर या तर्कसंगत है। 28 सितंबर को हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान जैन ने अदलात में कहा था कि ईडी देश पर राज कर रही है और ऐसे में न्यायपालिका को एक न्यायाधीश की रक्षा के लिए खड़ा होना पड़ता है।

सत्येंद्र जैन के वकीलों ने दी थी ये दलील

सत्येंद्र जैन की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा था कि यह उचित समय है कि न्यायपालिका खड़ी हो और कहे कि इस तरह की रणनीति का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। वहीं, जैन की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने तो यहां तक कहा था कि मुंबई हमले के दोषी अजमल कसाब को भी फेयर ट्रायल का मिला था।

सालिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा था

उन्होंने कहा कि संभवत: यह पहला मामला है कि अभियोजन पक्ष एक न्यायाधीश पर पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए स्थानांतरण की मांग की। वहीं, ईडी की तरफ से पेश हुए एडिशनल सालिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि शुरूआत में पक्षपात की बात उनके दिमाग में नहीं थी, लेकिन बाद में ऐसा हुआ। उन्होंने कहा कि जैन एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं, क्योंकि उनके पास स्वास्थ्य व जेल का मंत्रालय रहा है।

शनिवार तक के लिए स्थगित हुआ था मामला

वहीं, दोनों पक्षों को सुनने के बाद पीठ ने मामले को शनिवार तक के लिए स्थगित कर दिया था। ईडी के अनुरोध मनी लांड्रिंग से जुड़े मामले में जैन की जमानत याचिका समेत अन्य कार्यवाही को किसी अन्य अदालत में स्थानांतरण करने की मांग को सत्र न्यायाधीश ने स्वीकार कर लिया था। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनय कुमार गुप्ता ने जैन के मामले को विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल की अदालत से विशेष न्यायाधीश विकास ढुल की अदालत में स्थानांतरित कर दिया था।

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