क्लैट पीजी के अभ्यर्थियों को हाईकोर्ट से मिली राहत, जानें क्या है पूरा मामला
दिल्ली हाई कोर्ट ने क्लैट-पीजी के अभ्यर्थियों को उत्तर कुंजी विवाद में राहत दी है। कोर्ट ने एनएलयू कंसोर्टियम को जल्द परिणाम घोषित करने का निर्देश दिया है। अदालत ने दो प्रश्नों में विसंगतियों के चलते यह फैसला सुनाया। साथ ही तीसरे प्रश्न पर छात्रों की आपत्ति खारिज कर दी। कोर्ट ने कंसोर्टियम द्वारा उत्तर कुंजी पर आपत्ति के लिए वसूले जा रहे अत्यधिक शुल्क पर भी चिंता जताई।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट)-पीजी के अभ्यर्थियों को उत्तर कुंजी में दो सवालों में विसंगतियों के मामले में राहत देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने एनएलयू कंसोर्टियम को जल्द ही परिणाम घोषित करने का निर्देश दिया।
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने उत्तर कुंजी में दो उत्तरों के संबंध में छात्रों की याचिका पर यह निर्णय दिया। हालांकि, तीसरे प्रश्न के घोषित उत्तर के संबंध में छात्रों की आपत्ति को खारिज करते हुए कंसोर्टियम को अभ्यर्थियों को तदनुसार अंक प्रदान करने को कहा।
अदालत ने उक्त आदेश क्लैट-पीजी 2025 की अंतिम उत्तर कुंजी में त्रुटियों को सुधारने की मांग करने वाली तीन याचिकाओं पर पारित किया। अदालत ने सभी पक्षों का तर्क सुनने के बाद शुक्रवार को उत्तर कुंजी में उत्तरों की सत्यता पर निर्णय दिया।
अदालत ने पाया कि बेंगलुरू जल आपूर्ति एवं सीवरेज बोर्ड बनाम ए राजप्पा एवं अन्य में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय से अंश से संबंधित प्रश्नों में से एक वास्तविक अंश नहीं था, बल्कि उसे एक टिप्पणी से लिया गया था।
अदालत ने आदेश दिया कि इसमें कोई विवाद नहीं है कि परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को पहले से निर्णयों की कोई सूची उपलब्ध नहीं कराई गई थी, जिसे उन्हें तैयार रखना था।
पीठ ने कहा कि इस बात पर भी विवाद नहीं है कि अनुच्छेद (पांच) निर्णय से अंश नहीं है। ऐसे में अभ्यर्थियों से अनुच्छेद में दिए गए उत्तर से परे कोई उत्तर तलाशने की अपेक्षा करना अनुचित होगा।
ऐसे में अदालत का विचार है कि विकल्प 'बी' में दिया गया उत्तर गलत है और विकल्प 'सी' सही उत्तर है। परिणामस्वरूप, कंसोर्टियम अभ्यर्थियों को तदनुसार अंक प्रदान करेे।
विभिन्न हाई कोर्ट में दायर की गई याचिकाओं में आरोप लगाया गया था कि परीक्षा में कई प्रश्न गलत थे। छह फरवरी को सर्वोच्च न्यायालय ने इस मुद्दे पर सभी याचिकाओं को सुसंगत निर्णय के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया था। शीर्ष न्यायालय ने कंसोर्टियम की स्थानांतरण याचिकाओं पर उक्त निर्देश पारित किया था।
अत्यधिक शुल्क वसूलने से बचने के लिए कदम उठाए कंसोर्टियम
पीठ के निर्णय में अनंतिम उत्तर कुंजी पर आपत्ति उठाने के लिए कंसोर्टियम द्वारा प्रति प्रश्न एक हजार रुपये का शुल्क वसूलने के मुद्दे पर उचित कदम उठाने काे कहा है। अन्य संगठनों द्वारा आपत्ति किए गए प्रश्नों के लिए ली जाने वाली फीस की तुलना करते हुए अदालत ने कहा कि कंसोर्टियम द्वारा मांगी गई फीस अत्यधिक और असंगत प्रतीत हुई।
पीठ ने कहा कि अदालत को उम्मीद है कि कंसोर्टियम उनकी टिप्पणियों पर ध्यान देगा और अगली परीक्षाओं में इस तरह की अत्यधिक फीस से बचने के लिए उचित कदम उठाएगा। पीठ ने कहा कि कंसोर्टियन के लिए यह उचित होगा कि वह इस मुद्दे को न्यायमूर्ति जी. रघुराम (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता वाली समिति के समक्ष रखकर उनकी राय ले।
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