सदर बाजार डकैती मामले में दिल्ली हाईकोर्ट का सख्त फैसला, महिला आरोपी को जमानत देने से इनकार
दिल्ली हाई कोर्ट ने सदर बाजार इलाके में हुई डकैती की आरोपी महिला जैती की जमानत याचिका खारिज कर दी है। अदालत ने कहा कि जैती का दावा है कि वह गरीब है और गुब्बारे बेचती है लेकिन अपराध के बाद वह सह-आरोपियों के साथ सीसीटीवी में कैद हुई थी। पुलिस ने उसे राजस्थान से गिरफ्तार किया था।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने सदर बाजार इलाके में दुकानों में लाखों रुपये की योजनाबद्ध डकैती की आरोपी महिला जैती को जमानत देने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति अजय दिगपॉल ने कहा कि एक ओर तो महिला ने दावा किया कि वह गरीब है और गुब्बारे बेचती है और उसका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है।
वहीं, दूसरी ओर, रिकॉर्ड में पेश किए गए साक्ष्यों के अनुसार, अपराध करने के बाद वह सह-आरोपियों के साथ सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई थी। इतना ही नहीं, वह वहां से निकलकर रेलवे स्टेशन गई, जहां से वे सभी राजस्थान चले गए। बाद में पुलिस ने उसे सह-आरोपियों पिंकी और चंदा के साथ अजमेर-ब्यावर के सुरडिया स्थित होटल राज पैलेस से पकड़ लिया।
जमानत याचिका खारिज करते हुए पीठ ने कहा कि गिरोह को एक साथ दिल्ली से निकलते देखा गया था और वे राज्य के बाहर एक होटल में गए थे। उपरोक्त तथ्यों के मद्देनजर, याचिकाकर्ता के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है।
अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता को सह-आरोपियों के साथ देखा गया था और अभी भी कुल 10 लाख रुपये में से 6.37 लाख रुपये बरामद किए जाने बाकी हैं। वहीं, एक संदिग्ध मौसमी फरार है, ऐसे में आरोपी को जमानत पर रिहा करने का आदेश नहीं दिया जा सकता।
याचिका के अनुसार, सदर बाजार इलाके में 8 फरवरी, 2025 को 10 लाख रुपये की चोरी का मामला दर्ज किया गया था। मामले की जाँच कर रही दिल्ली पुलिस ने एक ई-रिक्शा चालक से मिली जानकारी के आधार पर 15 फरवरी, 2025 को जैती को गिरफ्तार किया था।
साथ ही, मामले में सह-आरोपी तरन, पिंकी, इंदिरा और चंदा को गिरफ्तार किया गया था, जबकि फरार मौसमी के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया है।
मामले में आरोप पत्र दाखिल करते हुए पुलिस ने बताया कि याचिकाकर्ता से 2500 रुपये बरामद किए गए, जबकि अन्य सह-आरोपियों से 6.37 लाख रुपये बरामद किए गए। महिला की याचिका का विरोध करते हुए पुलिस ने कहा कि महिलाओं का यह गिरोह योजनाबद्ध तरीके से अपराध को अंजाम देता है।
अभियोजन पक्ष ने कहा कि गिरोह दुकान के सामने खड़ा होता और फिर दुकान को अपने शॉल से ढक लेता। इसके बाद, वे ताला तोड़कर दुकान में घुस जाते।
इस तरह, उन्होंने 8 फ़रवरी की सुबह 4 से 5 बजे के बीच 10 लाख रुपये की चोरी को अंजाम दिया। अभियोजन पक्ष ने कहा कि याचिकाकर्ता को सह-आरोपी चंदा के साथ गिरफ्तार किया गया था, जिनके फिंगरप्रिंट अपराध स्थल पर मिले फिंगरप्रिंट से मेल खाते थे।
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