नमाज की ट्यूशन देने के बहाने नाबालिग से दुष्कर्म के बाद कर दी हत्या, आरोपित को जमानत से कोर्ट का इनकार
दिल्ली हाईकोर्ट ने नमाज की ट्यूशन के बहाने नाबालिग से दुष्कर्म और हत्या के आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फोरेंसिक सबूतों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला सुनाया। अदालत ने ट्रायल कोर्ट को मामले की सुनवाई में तेजी लाने के निर्देश दिए क्योंकि आरोपी पर नाबालिग को नशीला पदार्थ देकर यौन शोषण करने और हत्या का आरोप है।

विनीत त्रिपाठी, नई दिल्ली। नमाज की ट्यूशन पढ़ाने के बहाने घर बुलाकर नाबालिग से दुष्कर्म व हत्या मामले में आरोपित को दिल्ली हाई कोर्ट ने जमानत देने से इन्कार कर दिया। न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा की पीठ ने कहा कि कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से स्पष्ट है कि पीड़िता के साथ हिंसक और बार-बार यौन शोषण किया गया था।
याचिका खारिज करते हुए पीठ ने पीठ ने कहा कि शव मिलने वाले स्थान पर मिले सीवीटीवी फुटेज आरोपित को अपराध से जोड़ते हैं। इसके अलावा फोरेंसिक विशेषज्ञों के अनुसार आरोपित के घर से बरामद पाली बैग के साथ ही पीड़िता के कपड़े ढोने और घटनास्थल पर फेंके गए पाली बैग के समान पाए गए हैं।
अदालत ने उक्त टिप्पणी करते हुए वर्ष 2018 में नाबालिग से दुष्कर्म व हत्या के मामले में आरोपित की जमानत याचिका खाजिर कर दी। अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया फोरेंसिक, इलेक्ट्रानिक, चिकित्सा और दस्तावेजी साक्ष्यों को देखते हुए अदालत आरोपित को जमानत देने की इच्छुक नहीं है।
अदालत ने काह कि अपराध की जघन्य और क्रूर प्रकृति का है और मामले से जुड़े प्रथम दृष्टया साक्ष्यों को देखे हुए आरोपित को जमानत देने का कोई आधार नहीं है। हालांकि, पीठ ने ट्रायल कोर्ट को मामले में साक्ष्य दर्ज करने में तेजी लाने का निर्देश दिया। अदालत ने नोट किया कि मामले में कुल 36 गवाहों में से 14 गवाहों से अभियोजन पक्ष पूछताछ कर सका है।
आरोप है कि आरोपित ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर करीब 10-12 साल की नाबालिग पीड़िता को नमाज की ट्यूशन देने के बहाने अपने घर बुलाया। इसके बाद उसे नशीला पदार्थ देकर उसका साथ बार-बार यौन शोषण किया।
यह भी आरोप है कि पीड़िता की बिगड़ती हालत को देखते हुए आरोपित ने उसका गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। इतना ही नहीं आरोपित ने नाबालिग के शव को एक सुदूर इलाके में फेंक दिया और सुबूतों को नष्ट करने का प्रयास किया।
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