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    Delhi: पिता को बच्ची की कस्टडी से इनकार, हाई कोर्ट ने दी वीडियो काल पर बात करने की सलाह

    By Vineet TripathiEdited By: Geetarjun
    Updated: Fri, 03 Feb 2023 11:45 PM (IST)

    एक मां को नाबालिग बच्ची से अलग करने की मांग को ठुकराते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने पिता को उसकी कस्टडी देने से इन्कार कर दिया। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि बच्ची की कस्टडी सिर्फ इसलिए एक मां से लेकर पिता को देना उचित नहीं होगा।

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    पिता को बच्ची की कस्टडी से इनकार, हाई कोर्ट ने दी वीडियो काल पर बात करने की सलाह

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। एक मां को नाबालिग बच्ची से अलग करने की मांग को ठुकराते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने पिता को उसकी कस्टडी देने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि बच्ची की कस्टडी सिर्फ इसलिए एक मां से लेकर पिता को देना उचित नहीं होगा कि उन्होंने अमेरिका में एक डाक्टर से शादी की है और वह वहां शिफ्ट हो रही हैं।

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    अदालत ने कहा कि वर्तमान में तकनीक काफी उन्नत हो चुकी है और अलग-अलग देश में रहने वाले दो लोग वीडियो काल या कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े रह सकते हैं। मां को बच्ची की कस्टडी देते हुए अदालत ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में जब दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही थी तब वीडियो काल के माध्यम से बातचीत करना नया मानदंड बन गया है।

    अमेरिका में रहती मां को मिली कस्टडी

    इसके साथ ही अदालत ने निचली अदालत के निर्णय को रद करते हुए महिला को बच्ची के साथ अमेरिका में शिफ्ट करने की सशर्त अनुमति दे दी। एक महिला जो बचपन से ही बच्ची का देखभाल कर रही है और अब जब बच्ची कुछ सप्ताह में छह साल की होने वाली है तो उसे मां से अलग करना चिंता का कारण बन सकता है, इससे निश्चित रूप से बचने की आवश्यकता है।

    वहीं, अमेरिका में रहते हुए बच्ची अपने पिता के साथ वीडियो काल के माध्यम से नियमित रूप से बातचीत कर सकती है। अदालत ने कहा कि प्रतिवादी पिता का मामला यह नहीं है कि महिला ने बच्ची का रखरखाव ठीक नहीं किया है।

    अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता को साल में एक बार छुट्टियों के दौरान बच्ची को कम से कम तीन सप्ताह के लिए दिल्ली लेकर आना होगा और इस दौरान बच्ची का पिता उसकी कस्टडी का हकदार होगा। वहीं, अगर प्रतिवादी पिता अमेरिका जाता है तो वह बच्ची से मिल सकेगा।

    यह है मामला

    याचिकाकर्ता आकृति कपूर ने विजिटेशन राइट में संशोधन से जुड़े आवेदन का निस्तारण करने से इनकार करते हुए साक्ष्य पेश करने तक के लिए सुनवाई स्थगित करने के परिवार न्यायालय के 27 मई, 2022 के आदेश को चुनौती दी थी।याची की शादी अभिनव अग्रवाल से फरवरी 2013 में हुई थी और कुछ समय बाद दोनों के बीच विवाद होने पर तलाक हो गया था।

    अदालत ने बच्ची की कस्टडी शुरू से मां को दी थी और पिता को उससे मिलने की अनुमति दी थी। प्रतिवादी ने पिता ने जनवरी 2020 और याची ने अप्रैल 2021 में दोबारा शादी की थी। याची ने जून 2021 में बच्ची को लेकर अमेरिका में शिफ्ट होने की अनुमति को लेकर परिवार न्यायालय में आवेदन दाखिल किया।

    इसका प्रतिवादी ने विरोध करते हुए कहा कि इससे बच्ची से मिलने के उसके अधिकार का हनन होगा, जोकि उसे समझौता के तहत हासिल हुआ है।