पुलिस उठाती थी जज के फूल व जिम का खर्च, हाईकोर्ट ने जज को तीस हजारी के सेशन जज कार्यालय में किया अटैच
दिल्ली हाईकोर्ट ने भ्रष्टाचार की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए प्रथम श्रेणी न्यायालय के न्यायिक मजिस्ट्रेट को तीस हजारी कोर्ट के प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट व सेशन जज कार्यालय में अटैच कर दिया है। यह निर्णय निजामुद्दीन थाना प्रभारी की शिकायत के बाद लिया गया। हाईकोर्ट का यह कदम न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई को दर्शाता है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली की न्यायिक व्यवस्था में भ्रष्टाचार दीमक की तरह गहरी जड़ें जमा चुका है। हाई कोर्ट के तत्कालीन न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के घर से नगदी बरामदगी का मामला हो या फिर जमानत दिलाने के नाम रिश्वत लेने का मामला।
एक के बाद एक कई मामले सामने आने से न्याय पर सवाल उठ रहे थे, इसी बीच एक और मामला सामने आया है, जिसमें जज पर आरोप है कि वह अपने निजी कार्यों को करने का पुलिस पर दबाव बनाते थे।
जज ने की थी एसएचओ से शिकायत
हाई कोर्ट ने भ्रष्टाचार संबंधी शिकायत पर साकेत कोर्ट के प्रथम श्रेणी न्यायालय के न्यायिक मजिस्ट्रेट को तत्काल प्रभाव से तीस हजारी कोर्ट के प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट व सेशन जज कार्यालय में अटैच कर दिया है।
जज पर यह भी आरोप है कि निजामुद्दीन थाना पुलिस जज के जिम और महीने में आने वाले फूलों के खर्च का भुगतान करती थी।
यह भी आरोप है कि थाना एसएचओ से जज ने बदतमीजी की और पुलिस ने इसकी शिकायत दिल्ली हाई कोर्ट से की। इस पर हाई कोर्ट रजिस्ट्रार जनरल ने जज को साकेत कोर्ट के प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट व सेशन जज कार्यालय में अटैच करने का आदेश जारी किया।
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