HC ने दिल्ली सरकार से पूछा- कोरोना के कारण दम तोड़ने वाले मोहल्ला क्लीनिक डॉक्टर को क्यों नहीं मिला मुआवजा
कोरोना संक्रमित होने के कारण दम तोड़ने वाले मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टर के स्वजन को अब तक मुआवजा नहीं देने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया। अदालत ने कहा कि इसमें कोई विवाद नहीं कि मृतक एक डॉक्टर थे।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमित होने के कारण दम तोड़ने वाले मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टर के स्वजन को अब तक मुआवजा नहीं देने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया। न्यायमूर्ति प्रतिबा एम सिंह की पीठ ने दिल्ली सरकार से पूछा कि संक्रमित होने के कारण माैत का शिकार हुए डॉक्टर को अभी तक मुआवजा क्यों नहीं दिया गया है।
अदालत ने कहा कि इसमें कोई विवाद नहीं कि मृतक एक डॉक्टर थे और उनके स्वजन सरकारी योजना के तहत मुआवजा प्राप्त करने के योग्य हैं। ऐसे में पीड़ित स्वजन को इतनी देरी से मुआवजा देने कोई कारण नहीं होना चाहिए।
मुआवजा राशि का भुगतान करने का दिया निर्देश
मृतक के बेटी व बेटे की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने डॉक्टर के स्वजन को मुआवजा राशि का भुगतान करने का दिल्ली सरकार को निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि यह विवादित मामला नहीं है, ऐसे में सरकार एक विशिष्ट हलफनामा दाखिल करे।
अनुरोध के बावजूद नहीं दिया मुआवजा
मामले में अगली सुनवाई आठ मई को होगी। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि कई बार अनुरोध करने के बावजूद उन्हें दिल्ली सरकार द्वारा कोरोना योद्धाओं के लिए घोषित एक करोड़ रुपये का मुआवजा नहीं दिया गया है।
याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता गौरव जैन ने कहा कि उनके मुवक्किल के पिता मोहल्ला क्लिनिक में डॉक्टर के रूप में काम करते थे थी। उन्होंने दलील दी कि निधन के लगभग दो साल 10 महीने बीतने के बाद भी अधिकारियों ने अभी तक मुआवजे की राशि जारी नहीं की है।
अदालत ने 22 मार्च को एक अन्य मामले में दिल्ली सरकार को कहा था कि वह नए मंत्री समूह (जीओएम) के समक्ष कोरोना के कारण मरने वाले पुलिस कांस्टेबल के परिवार को एक करोड़ रुपये के मुआवजे के भुगतान से संबंधित निर्णय करें।