दिल्ली के बाहर से आने वालों के लिए क्यों नहीं बढ़ाई ई-मुलाकात की सुविधा, हाईकोर्ट ने केजरीवाल सरकार से मांगा जवाब
दिल्ली हाईकोर्ट ने राजधानी से बाहर से यात्रा करके जेल में कैदियों से मुलाकात करने आने वाले रिश्तेदारों के लिए ई-मुलाकात सुविधा न उपलब्ध कराने को लेकर अहम सवाल किया है। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने दिल्ली सरकार से पूछा है कि जिन कैदियों के रिश्तेदारों को दिल्ली से बाहर यात्रा करनी पड़ती है उन सभी के लिए ई-मुलाकात की सुविधा क्यों नहीं बढ़ाई जानी चाहिए?

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली के बाहर से यात्रा करके जेल में कैदियों से मुलाकात करने आने वाले रिश्तेदारों के लिए की गई व्यवस्था को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने अहम सवाल किया है। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने दिल्ली सरकार से पूछा है कि जिन कैदियों के रिश्तेदारों को दिल्ली से बाहर यात्रा करनी पड़ती है, उन सभी के लिए ई-मुलाकात की सुविधा क्यों नहीं बढ़ाई जानी चाहिए? अदालत ने मामले में स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश देते हुए सुनवाई 29 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी।
अदालत ने उक्त टिप्पणी एक कैदी की तरफ से दायर याचिका पर की। अधिवक्ता अशोक अग्रवाल के माध्यम से दायर याचिका में कैदी ने कहा कि अपने परिवार के साथ हर हफ्ते दो ई-मुलाकात की अनुमति देने की मांग की थी, ताकि वह अपनी बीमार मां की देखभाल कर सके और सामाजिक संबंध बनाए रख सके।
याची ने इसके साथ ही पिंजरा तोड़ कार्यकर्ता नताशा नरवाल बनाम दिल्ली सरकार के मामले का हवाला देते हुए हर दिन पांच मिनट टेली-कालिंग की अनुमति देने का भी निर्देश देने की मांग की। याची ने कहा कि इस संबंध में दिल्ली सरकार के समक्ष एक प्रतिवेदन भी दिया गया था। इस पर दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता ने सूचित किया कि याचिकाकर्ता के प्रतिवेदन पर तीन सप्ताह के भीतर निर्णय लिया जाएगा।
याची की मां औंर पत्नी दोनों बीमार हैं
इस पर पीठ ने कहा कि ई-मुलाकात की सुविधा दिल्ली के बाहर के लोगों के लिए क्यों नहीं है, इस पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल की जाए। याची ने 29 मई 2023 में ई-मुलाकात के लाभ की मांग करते हुए एक अभ्यावेदन दिया था। इसमें उसने कहा था कि दुनिया में सिर्फ उसकी मां और पत्नी है और इस समय दोनों ही बीमार हैं और दिल्ली से बाहर रहती हैं।
कोरोना के दौरान ई-मुलाकात की सुविधा हुई थी शुरू
ई-मुलाकात की सुविधा दिल्ली की जेलों में कोरोना महामारी के दौरान शुरू की गई थी। डीजी (जेल) की मंजूरी से 26 दिसंबर 2022 को आदेश जारी किया गया था कि दूर रहने वाले रिश्तेदारों को जेल में कैदियों से ई-मुलाकात कराई जाएगी। राष्ट्रीय जेल सूचना पोर्टल के अनुसार 26 दिसंबर, 2022 और 22 नवंबर 2023 के बीच की अवधि में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से दिल्ली की जेलों में 69192 ई-मुलाकात की।
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