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    सुसाइड की कोशिश करना, फिर पति पर इसका दोष डालना एक क्रूरता, वैवाहिक संबंधों पर हो रहे विवाद पर दिल्ली HC की अहम टिप्पणी

    Updated: Tue, 09 Jan 2024 11:00 PM (IST)

    वैवाहिक संबंधों में लगातार हो रहे विवाद के बीच आत्महत्या करने की कोशिश करने व जीवनसाथी पर इसका दोष मढ़ने से जुड़े मामले पर दिल्ली हाईकोर्ट ने अहम टिप्पणी की है। अदालत ने कहा कि आत्महत्या का प्रयास करना और फिर इसका दोष पति और उसके परिवार के सदस्यों पर डालने की कोशिश करना पत्नी द्वारा क्रूरता का कार्य है।

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    आत्महत्या का प्रयास और पति को इसका दोषी बताने की कोशिश करना क्रूरता- दिल्ली हाईकोर्ट

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। वैवाहिक संबंधों में लगातार हो रहे विवाद के बीच आत्महत्या करने की कोशिश करने व जीवनसाथी पर इसका दोष मढ़ने से जुड़े मामले पर दिल्ली हाईकोर्ट ने अहम टिप्पणी की है। अदालत ने कहा कि आत्महत्या का प्रयास करना और फिर इसका दोष पति और उसके परिवार के सदस्यों पर डालने की कोशिश करना पत्नी द्वारा क्रूरता का कार्य है।

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    न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इस तरह से परिवार को झूठे मामलों में फंसाए जाने का लगातार खतरा बना रहता है।

    कोर्ट ने तलाक को दी मंजूरी

    पारिवारिक अदालत के आदेश को बरकरार रखते हुए पीठ ने एक व्यक्ति को उसकी पत्नी द्वारा क्रूरता के आधार पर तलाक देने का आदेश पारित किया। अदालत ने कहा कि दंपति के बीच विवाह शुरू से ही परेशान था और पत्नी ने आत्महत्या करने के प्रयास में मच्छर भगाने वाला तरल पदार्थ भी पी लिया था, लेकिन बाद में यह दावा करके स्थिति से बाहर निकलने की कोशिश की कि उसे ऐसा करने के लिए मजबूर किया गया था।

    महिला ने पति पर लगाए कई आरोप

    महिला ने आरोप लगाया कि उसे खाना नहीं दिया जा रहा था और इसलिए उसके पति ने उसे पौष्टिक टॉनिक के नाम पर तरल पदार्थ दिया। अदालत ने कहा कि निश्चित तौर पर पत्नी को किसी भी गलत कृत्य के संबंध में कानूनी उपचार लेने का अधिकार है, लेकिन पति या उसके परिवार के सदस्यों द्वारा दहेज की मांग या क्रूरता के कृत्यों के निराधार आरोप लगाना स्पष्ट रूप से क्रूरता का कार्य है। ऐसे में पारिवारिक अदालत के निर्णय में कोई त्रुटि नहीं है और इसके विरुद्ध महिला की याचिका खारिज की जाती है।