दिल्ली में फिल्मी अंदाज में कारोबारी के घर में मारी CBI की रेड, पुलिस पीछे पड़ी तो बदलते रहे लोकेशन; दबोचे गए
दिल्ली में एक चौंकाने वाली घटना में एक महिला एक दुकानदार और एक बेरोजगार शख्स ने मिलकर सीबीआई अधिकारी बनकर एक व्यापारी के घर पर डकैती डाली और लाखों के गहने और नकदी लूट ली। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और तलाशी अभियान के बाद तीनों आरोपियों को मसूरी और हरिद्वार से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है।

पीटीआई, नई दिल्ली। दिल्ली में तीन शख्स बॉलीवुड थ्रिलर फिल्म की तरह डकैती की घटना को अंजाम दिया है। इसमें एक महिला, एक दुकानदार और एक बेरोजगार शख्स ने सीबीआई अधिकारी बनकर उत्तरी दिल्ली में एक व्यापारी के घर पर छापा मारा और लाखों रुपये की नकदी और आभूषण लूट लिए। उत्तर के पुलिस उपायुक्त राजा बंथिया ने बताया कि तीनों को एक सप्ताह तक चले तलाशी अभियान के बाद पकड़ा गया। दिल्ली पुलिस की टीमों को कई बार हरिद्वार और मसूरी का चक्कर लगाना पड़ा।
पुलिस के अनुसार, 22 वर्षीय महिला पीड़िता की दूर की रिश्तेदार है और उसे वजीराबाद स्थित घर में रखी नकदी और आभूषणों के बारे में जानकारी थी। उन्होंने योजना बनाने के लिए हरिद्वार में फूड सप्लीमेंट स्टोर चलाने वाले 28 वर्षीय केशव प्रसाद और जौहरीपुर के छात्र 20 वर्षीय विवेक सिंह को शामिल किया। डीसीपी ने कहा, "10 जुलाई की शाम को तीनों ने शिकायतकर्ता के घर का दरवाजा खटखटाया। सफेद शर्ट और काले रंग के मास्क से चेहरा ढके तीनों ने खुद को ओखला शाखा के सीबीआई अधिकारी बताया।"
रसीद मांगने पर नोटबुक में कुछ लिखकर हस्ताक्षर कर दिए
उन्होंने एफआईआर पर कार्रवाई करने का दावा किया और कहा कि उनके पास घर की तलाशी का वारंट है। जब परिवार ने वारंट देखने के लिए कहा, तो तीनों ने उन्हें डांट दिया और सहयोग करने की मांग की। पुलिस ने बताया कि इसके बाद उन्होंने एक अलमारी तोड़ी और दावा किया कि वे सोने और चांदी के आभूषणों के साथ तीन लाख रुपये की नकदी जब्त कर रहे हैं। डीसीपी ने कहा, "जब शिकायतकर्ता ने जब्त की गई चीजों की रसीद मांगी, तो आरोपी ने शिकायतकर्ता की बेटी की एक नकली नोटबुक का इस्तेमाल करके कुछ पंक्तियां लिखीं और हस्ताक्षर कर दिए।"
पुलिस ने इलाके में लगे करीब 200 सीसीटीवी फुटेज खंगाला
कुछ गड़बड़ होने का अहसास होने पर परिवार ने पुलिस को बुलाया लेकिन तब तक तीनों गायब हो चुके थे। मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की और क्षेत्र में लगे 200 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली, जिससे जांचकर्ताओं को घटना के दौरान पीड़ित के घर के बाहर खड़ी एक मोटरसाइकिल की जानकारी मिली। डीसीपी ने कहा, "बाइक का पंजीकरण नंबर करावल नगर का पाया गया और मालिक की पहचान केशव प्रसाद के रूप में हुई, लेकिन वह अपने घर पर नहीं था।"
आरोपी बार-बार अपना लोकेशन बदल रहा था। इसके बाद पुलिस ने 18 जुलाई को केशव और आरोपी महिला को मसूरी से गिरफ्तार किया और तीसरे आरोपी विवेक को उसी दिन हरिद्वार से गिरफ्तार कर लिया। तीनों ने पूछताछ के बाद अपना गुनाह कर लिया।
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वे फॉर्मल कपड़े खरीदे और घटना को अंजाम देने की पूरी प्लानिंग की। इससे पहले उसने अधिकारी की तरह व्यवहार करने और परिवार को कैसे अपने विश्वास में लिया जाता है, इसकी कई बार प्रैक्टिस की। घटना को अंजाम देने के बाद तीनों ने बार-बार अपना लोकेशन बदला और इस दौरान कई होटलों में रहा। पुलिस ने 1.75 लाख रुपये कैश और 29 टुकड़े सोने और चांदी की ज्वेलरी बरामद की।
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