Delhi: अशोक गहलोत के खिलाफ मानहानि मामले में टली सुनवाई, अब 3 नबंवर को अदालत में सुना जाएगा मामला
भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ दायर मानहानि मामले में शुक्रवार को सुनवाई टल गई। गहलोत की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश गुप्ता ने तर्क दिया था कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के कथनों से पता चलता है। उनके मुवक्किल गहलोत ने जो कहा वह पूर्णता सत्य है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ दायर मानहानि मामले में सुनवाई टल गई।
शुक्रवार को मामले की सुनवाई राउज एवेन्यू कोर्ट के एडिशनल चीफ मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) हरजीत सिंह जसपाल के समक्ष होनी थी, लेकिन अपरिहार्य कारणों से एसीएमएम की अनुपलब्धता के चलते मामले की सुनवाई तीन नवंबर के लिए टल गई।
पिछली सुनवाई में गहलोत के अधिवक्ता ने कहा था कि उनके मुवक्किल के खिलाफ मानहानि का कोई मामला नहीं बनता है। गहलोत की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश गुप्ता ने तर्क दिया था कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के कथनों से पता चलता है। उनके मुवक्किल गहलोत ने जो कहा वह पूर्णता सत्य है।
शिकायतकर्ता ने छुपाए तथ्य: गहलोत के अधिवक्ता
शिकायतकर्ता शेखावत ने तथ्यों को छुपाया है और वह तथ्यों को छिपाने के दोषी हैं। उनके मुवक्किल की ओर से दिए गए बयान एक राज्य के मुख्यमंत्री होने के नाते जनता की भलाई के लिए दिए गए हैं और ये बयान सत्य हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई बयान सच है और ऑन रिकॉर्ड है तो ऐसे मामलों में मानहानि का मामला नहीं बनता है।
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क्या है पूरा मामला
पूरा मामला केंद्रीय मंत्री और राजस्थान भाजपा के वरिष्ठ नेता शेखावत द्वारा गहलोत के विरुद्ध दायर मानहानि मामले से जुड़ा है। गहलोत ने शेखावत को राज्य में संजीवनी घोटाले से जोड़ा था। यह मामला संजीवनी क्रेडिट कोआपरेटिव सोसाइटी द्वारा हजारों निवेशकों को लगभग 900 करोड़ रुपये का चूना लगाने से संबंधित है।
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