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    Delhi Riots: दिल्ली पुलिस के सुझाव पर वकीलों के पैनल की नियुक्त सही नहीं : सत्येंद्र जैन

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Fri, 31 Jul 2020 11:50 AM (IST)

    Delhi Riots वकीलों के पैनल की नियुक्त पर सत्येंद्र जैन ने कहा कि हम चाहते हैं कि दंगों में दोषी को सजा मिले लेकिन किसी बेगुनाह को सजा नहीं मिलनी चाहिए।

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    Delhi Riots: दिल्ली पुलिस के सुझाव पर वकीलों के पैनल की नियुक्त सही नहीं : सत्येंद्र जैन

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi Riots: दिल्ली में हुए दंगे से संबधित मामले की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट में वकीलों का पैनल नियुक्त करने को लेकर दिल्ली कैबिनेट के फैसले को उपराज्यपाल (एलजी) अनिल बैजल ने खारिज कर दिया है। साथ ही दिल्ली सरकार के गृह विभाग को आदेश दिया है कि दिल्ली पुलिस के पैनल को मंजूरी दें। अब एलजी का यह आदेश दिल्ली सरकार को हर हाल में लागू करना होगा। वहीं, इस पर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा है कि पुलिस के सुझाव पर वकील रखना सही नहीं है। हम चाहते हैं कि दंगों में दोषी को सजा मिले, लेकिन किसी बेगुनाह को सजा नहीं मिलनी चाहिए। 

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    बता दें कि उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे की पैरवी के लिए वकीलों का पैनल नियुक्त करने को लेकर मंगलवार को दिल्ली कैबिनेट की बैठक हुई थी। इसमें दिल्ली सरकार ने दिल्ली पुलिस के वकीलों के पैनल को खारिज कर दिया था। दिल्ली कैबिनेट का मानना था कि दंगे के संबंध में दिल्ली पुलिस की जांच को कोर्ट ने निष्पक्ष नहीं माना है। ऐसे में पुलिस के पैनल को मंजूरी देने से केस की निष्पक्ष सुनवाई संभव नहीं है। मगर एलजी ने संविधान के अनुच्छेद 239 (एए)(4) के तहत मिले अधिकार का इस्तेमाल कर दिल्ली कैबिनेट के फैसले को खारिज कर दिया।

    दिल्ली कैबिनेट की बैठक में दिल्ली पुलिस के प्रस्ताव के साथ दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के सुझाव पर विचार किया गया था। इस दौरान यह तय हुआ था कि दिल्ली में दंगे की साजिश के जो भी दोषी हैं, उन्हें सख्त सजा मिलनी चाहिए। साथ ही यह भी तय हुआ था कि निर्दोष को परेशान या दंडित नहीं किया जाना चाहिए। इस कारण कैबिनेट ने दिल्ली सरकार के वकीलों के पैनल की नियुक्ति पर सहमति जताई थी। साथ ही पुलिस के वकीलों के पैनल को मंजूरी देने के एलजी के सुझाव को अस्वीकार कर दिया था।

    कैबिनेट का मानना था कि जांच एजेंसी को वकीलों को तय करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। वकीलों को जांच एजेंसी से स्वतंत्र होना चाहिए। पूरे देश और दुनिया में यह सिद्धांत सबसे अहम माना जाता है और इसका उल्लंघन दिल्ली में नहीं होने देना चाहिए। जिसे दिल्ली के उपराज्यपाल ने अस्वीकार कर दिया और दिल्ली के गृह विभाग को आदेश दे दिया है कि दिल्ली पुलिस के पैनल को अधिसूचित करें।