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    प्रतिबंध के खिलाफ PFI की याचिका की स्वीकार्यकता पर 14 जुलाई को फैसला करेगा हाईकोर्ट

    दिल्ली हाईकोर्ट पीएफआई पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ याचिका की स्वीकार्यता पर 14 जुलाई को विचार करेगा। अदालत ने कहा कि मामले में उठाए गए मुद्दे पर निर्णय की आवश्यकता है। केंद्र सरकार ने याचिका की स्वीकार्यता पर सवाल उठाते हुए आपत्ति की। पीएफआई ने न्यायाधिकरण के आदेश की न्यायिक समीक्षा की मांग करने का अधिकार जताया है।

    By Jagran News Edited By: Pooja Tripathi Updated: Thu, 22 May 2025 03:04 PM (IST)
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    दिल्ली हाईकोर्ट 14 जुलाई को करेगी सुनवाई। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पांच साल का प्रतिबंध लगाने के सरकार के निर्णय की पुष्टि करने के गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) ट्रिब्यूनल के आदेश को चुनौती देने वाली पीएफआई की याचिका की स्वीकार्यता पर दिल्ली हाई काेर्ट 14 जुलाई को विचार करेगा।

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    अदालत ने कहा कि मामले में उठाए गए मुद्दे पर निर्णय की आवश्यकता है। कोर्ट ने कहा कि 14 जुलाई को ही याचिका की स्वीकार्यता व केंद्र सरकार की आपत्ति पर सुनवाई होगी।

    अदालत ने उक्त आदेश तब दिया जब याचिका पर आवेदन दायर कर पीएफआई ने कहा कि मामले को 14 बार सूचीबद्ध किया गया है, लेकिन अभी तक कोई औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया गया है।

    केंद्र की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने जताई आपत्ति

    वहीं, केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने याचिका की स्वीकार्यता पर सवाल उठाते हुए आपत्ति की।

    केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर पीएफआइ और उसके संबद्ध संगठनों को यूएपीए के तहत गैरकानूनी संगठन के रूप में नामित किया था।

    मूल याचिका में पीएफआइ ने याचिका पर प्रभावी निर्णय की मांग की है। पीएफआइ ने कहा कि संगठन को न्यायाधिकरण के आदेश की न्यायिक समीक्षा की मांग करने का अधिकार है।