बिहार चुनाव में 'सितार' चिन्ह के लिए जनसंघ ने दी याचिका, दिल्ली HC ने ECI को भेजा नोटिस
दिल्ली हाई कोर्ट ने बिहार चुनाव के लिए अखिल भारतीय जनसंघ की याचिका पर निर्वाचन आयोग से जवाब तलब किया है। न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा की पीठ ने आयोग को नोटिस जारी कर 9 अक्टूबर तक जवाब देने का निर्देश दिया है। याचिकाकर्ता ने एक समान चुनाव चिन्ह की अनुमति मांगी थी जिसे आंतरिक विवादों के चलते अस्वीकार कर दिया गया था।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। बिहार चुनाव के लिए चुनाव चिन्ह आवंटित करने की मांग वाली अखिल भारतीय जनसंघ की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा की पीठ ने निर्वाचन आयोग को नाेटिस जारी कर नौ अक्टूबर तक अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले में आगे की सुनवाई नौ अक्टूबर को होगी। इससे पहले याचिकाकर्ता द्वारा आगामी बिहार विधानसभा चुनावों के लिए एक समान चुनाव चिन्ह के उपयोग की अनुमति मांगने वाली एक अन्य याचिका पर चुनाव आयोग से जवाब मांगा था।
तब चुनाव आयोग को जारी किया नोटिस
सोमवार को पीठ को सूचित किया गया कि निर्वाचन आयोग ने पार्टी में आंतरिक विवादों के आधार पर याचिकाकर्ता के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया है। यह भी बताया गया कि समीर सिंह चंदेल नामक व्यक्ति को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। निष्कासन के बाद पार्टी के मामलों से उनका कोई लेना-देना नहीं है।
इसके बाद पीठ ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया। याचिकाकर्ता संघ ने कहा कि पार्टी की स्थापना 1951 में हुई थी और 1979 में इसका नाम बदल दिया गया। याचिका में कहा गया है कि पार्टी अपने पूरे अस्तित्व के दौरान चुनाव लड़ती रही है और समय-समय पर संबंधित कानूनों के अनुसार चुनाव आयोग से चुनाव चिन्ह के लिए आवेदन करती रही है।
चुनाव लड़ने का अवसर छिन जाएगा
याचिकाकर्ता ने कहा कि उसने आंध्र प्रदेश में 2024 के विधानसभा चुनावों में भाग लिया था और इसके लिए उसे साझा चुनाव चिन्ह सितार आवंटित किया गया था। याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता को संविधान के तहत चुनाव लड़ने का वैधानिक अधिकार प्राप्त है और चुनाव चिन्ह आवंटित न होने से चुनाव लड़ने का उसका अवसर छिन जाएगा।
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