वीजा की मांग करने वाली पाकिस्तानी महिला की याचिका पर दिल्ली हाईकाेर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब
दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक पाकिस्तानी महिला की याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है जिसने भारतीय पति के साथ रहने के लिए वीजा की मांग की है। न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ ने सरकार को नोटिस जारी किया है। महिला ने 2024 में एक भारतीय नागरिक से शादी की थी और दीर्घकालिक वीजा के लिए आवेदन किया था लेकिन बाद में वीजा सेवाएं निलंबित कर दी गईं।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। भारतीय पति के साथ रहने के लिए वीजा की मांग करने वाली एक पाकिस्तानी महिला की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की पीठ ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। अदालत ने मामले की सुनवाई 12 नवंबर तय की है।
याचिकाकर्ता पाकिस्तानी महिला रुकैया ओबैद ने नवंबर 2024 में पाकिस्तान में दिल्ली निवासी उबादा अब्दुल बरकत फारूकी से शादी की थी। रुकैया अप्रैल 2025 में अपने पति के साथ भारत आईं थी और 18 अप्रैल, 2025 को उन्होंने दीर्घकालिक वीजा (एनटीवी) के लिए आवेदन किया था।
हालांकि, पहलगाम आतंकवादी हमले के तीन दिन बाद 25 अप्रैल को भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं निलंबित कर दी थी। साथ ही सरकार ने अधिकांश पाकिस्तानी नागरिकों को जारी किए गए वीजा भी रद कर दिए थे।
रुकैया ने याचिका में तर्क दिया कि उन्होंने भारत में रहने की अनुमति के लिए विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) से संपर्क किया था, लेकिन उनका अनुरोध अस्वीकार कर दिया गया और उसे 28 अप्रैल को एक एक्जिट परमिट जारी कर दिया गया था।
रुकैया ने कहा कि 29 अप्रैल को उन्होंने भारत छोड़ दिया था और बाद में उन्हें समाचार रिपोर्टों से पता चला था कि भारत सरकार ने स्पष्ट किया था कि जिन पाकिस्तानी नागरिकों के दीर्घकालिक वीजा के आवेदन लंबित हैं, उन्हें देश छोड़ने की आवश्यकता नहीं है।
रुकैया ओबैद ने अदालत को बताया कि इसी आधार पर भारत में वैवाहिक संबंध रखने वाले कई पाकिस्तानी नागरिकों ने देश में रहने का विकल्प चुना है।
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