पति से धोखा खाने के बाद महिला असुरक्षित, शादी के बाद अवैध संबंध क्रूरता: HC
अदालत ने कहा पति से धोखा खाने के बाद महिला खुद को व अपनी बेटी को असुरक्षित महसूस कर रही है। वह दोनों के सिर पर छत चाहती है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। शादी के बाद अवैध संबंध क्रूरता है। यह कहते हुए हाई कोर्ट ने एक महिला की याचिका को स्वीकार किया है। महिला ने निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी है। निचली अदालत ने उसके पति के आग्रह पर तलाक देने की स्वीकृति प्रदान की थी।
न्यायमूर्ति प्रदीप नंदराजोग व न्यायमूर्ति योगेश खन्ना की खंडपीठ ने निचली अदालत के आदेश को रद करते हुए कहा कि पति ने यह स्वीकार किया है कि उसने दूसरी शादी की है जिससे उसका पत्नी के साथ रहते हुए भी संबंध था। फरवरी 2008 में उसकी प्रेमिका से उसे एक बच्चा भी हुआ। अदालत ने पति के उस तर्क को अस्वीकार कर दिया कि महिला द्वारा उसके पूर्वजों की संपत्ति में हिस्सा मांगना क्रूरता है। अदालत ने कहा यह क्रूरता नहीं है, यह असहाय महिला की गुहार है।
अवैध संबंध के आरोप से अधिक दर्दनाक कुछ और नहीं हो सकताः HC
पति से धोखा खाने के बाद महिला खुद को व अपनी बेटी को असुरक्षित महसूस कर रही है। वह दोनों के सिर पर छत चाहती है। दंपति की जुलाई 1993 में शादी हुई थी। जुलाई 2004 में पति ने निचली अदालत में तलाक के लिए अर्जी दायर की थी। उसका तर्क था कि उसकी पत्नी शारीरिक संबंध बनाने से इन्कार करती है।
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मई 2015 में निचली अदालत ने पति के आग्रह पर तलाक का आदेश दिया था। इस आदेश को महिला ने हाई कोर्ट मे चुनौती दी थी। महिला का कहना था कि शादी के बाद भी उसके पति का ऑफिस में काम करने वाली तलाक शुदा महिला के साथ अवैध संबंध था।
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