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    Delhi University: नियुक्ति रोकने पर हाई कोई ने डीयू की निष्पक्षता पर उठाया सवाल, कहा- याचिकाकर्ताओं को तुरंत दी जाए पोस्टिंग

    Updated: Wed, 04 Jun 2025 08:27 PM (IST)

    दिल्ली हाई कोर्ट ने डीयू द्वारा गैर-शिक्षण पदों पर नियुक्ति रोकने के फैसले को रद कर दिया है। कोर्ट ने डीयू की निष्पक्षता पर सवाल उठाए और कहा कि चयन प्रक्रिया को गलत तरीके से रोका गया। डीयू को प्रक्रिया पूरी कर याचिकाकर्ताओं को नौकरी पर रखने का आदेश दिया।

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    गैर-शिक्षण पदों की नियुक्ति पर डीयू ने लगा दी थी रोक।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: वर्ष 2023 में गैर-शिक्षण पदों पर चुने गए उम्मीदवारों की नियुक्ति पर रोक लगाने के दिल्ली विश्वविद्यालय के फैसले को रद करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने निष्पक्षता पर सवाल उठाया।

    अदालत ने पूरे प्रकरण में निष्पक्षता को महत्व नहीं देने का मामला बताते हुए अदालत ने कहा कि डीयू ने चयन प्रक्रिया को स्थगित करने के अपने गलत निर्णय को उचित ठहराने की कोशिश की।

    न्यायमूर्ति प्रतिबा एम सिंह की पीठ ने डीयू से आत्मनिरीक्षण करने और चयन प्रक्रिया को उसके तार्किक अंत तक ले जाने को कहा है।

    हाई कोर्ट ने कहा, याचिकाकर्ताओं ने करियर के दो वर्ष खो दिए

    अदालत ने कहा कि डीयू की मनमानी और अवैध कार्रवाई के कारण याचिकाकर्ताओं ने अपने जीवन और करियर के लगभग दो वर्ष खो दिए हैं।

    कुछ याचिकाकर्ताओं ने डीयू से ऑफर लेटर प्राप्त होने पर अपनी पिछली नौकरियों से इस्तीफा दे दिया था और कई अन्य परीक्षा में बैठने के लिए उनकी उम्र अधिक हो गई है।

    पीठ ने इस टिप्पणी के साथ वर्ष 25 और 29 अगस्त 2023 की अधिसूचनाओं को रद कर दिया। साथ ही डीयू को दस्तावेज सत्यापन आदि की औपचारिकताओं को पूरा कर चयन प्रक्रिया पूरा करने का निर्देश दिया।

    कोर्ट ने कहा, याचिकाकर्ता पोस्टिंग पर सभी लाभों के हकदार होंगे

    यह भी कहा कि याचिकाकर्ताओं को तुरंत अपने संबंधित पोस्टिंग स्थानों में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी और वे सभी लाभों के हकदार होंगे।

    अदालत ने नोट किया कि याचिकाकर्ताओं ने 2021 में जारी विज्ञापन के अनुसार प्रयोगशाला परिचारक, पुस्तकालय परिचारक आदि जैसे विभिन्न गैर-शिक्षण पदों के लिए आवेदन किया था।

    डीयू ने लिखित परीक्षा में उनके अंतिम चयन के आधार 18 अगस्त 2023 को डीयू ने उन उम्मीदवारों की सूची प्रकाशित की, लेकिन 25 अगस्त 2023 को उम्मीदवारों की ज्वाइनिंग पर रोक लगा दी गई।

    डीयू ने कहा- उसके पास नौकरी का प्रस्ताव वापस लेने का अधिकार

    सुनवाई के दौरान डीयू ने तर्क दिया है कि विसंगति के मामले में उसके पास किसी भी स्तर पर नियुक्ति के प्रस्ताव को वापस लेने का अधिकार है।

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    डीयू ने दावा किया कि अभ्यर्थियों के साथ बातचीत में पाया गया कि उनकी योग्यता लिखित परीक्षा में उनके अधिक अंकों से मेल नहीं खाती है। ऐसे में संभव है कि उन्होंने अनुचित मार्ग अपनाया हो।

    परीक्षा में अनुचित मार्ग अपनाए जाने को साबित नहीं कर सका डीयू

    हालांकि, डीयू के निर्णय को ठुकराते हुए अदालत ने कहा कि डीयू इस परीक्षा में किसी भी अनुचित मार्ग एवं साधन के उपयोग को स्थापित करने में पूरी तरह से विफल रहा है।

    पीठ ने कहा कि किसी भी पहलू पर परीक्षा के संचालन में दोष नहीं साबित हो सका, जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सके कि प्रक्रिया गलत थी।

    पीठ ने यह भी कहा कि डीयू द्वारा की गई किसी भी अनौपचारिक बातचीत का समर्थन करना मनमाना, पक्षपातपूर्ण और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देगा।

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