NCISMC अध्यक्ष पद के लिए अयोग्य करार, दिल्ली हाईकोर्ट ने रद की नियुक्ति
दिल्ली हाई कोर्ट ने वैद्य जयंत यशवंत देवपुजारी की राष्ट्रीय आयोग के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति को रद्द कर दिया है उन्हें अयोग्य घोषित करते हुए। अदालत ने नियुक्ति के खिलाफ दायर याचिकाओं को स्वीकार करते हुए कहा कि देवपुजारी के पास आवश्यक योग्यता नहीं है। अदालत ने यह भी कहा कि यदि कोई अयोग्य व्यक्ति अध्यक्ष बनता है तो इसका छात्रों और चिकित्सकों पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। भारतीय चिकित्सा पद्धति के राष्ट्रीय आयोग (एनसीआइएसएमसी) के अध्यक्ष पद पर वैद्य जयंत यशवंत देवपुजारी की नियुक्ति को रद करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्हें पद के लिए अयोग्य करार दिया है। नियुक्ति के विरुद्ध दायर दो याचिकाओं को स्वीकार करते हुए मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने वैद्य जयंत की नियुक्ति केंद्र सरकार के कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली एक उच्चस्तरीय सर्च समिति की सिफारिश पर करने की दलील अदालत ने ठुकरा दिया।
पीठ ने कहा कि उक्त दलील सही नहीं है क्योंकि संबंधित व्यक्ति के पास अधिनियम के तहत वैधानिक रूप से निर्धारित आवश्यक पात्रता योग्यता नहीं है। पीठ ने कहा कि यदि किसी अयोग्य व्यक्ति को ऐसे महत्वपूर्ण वैधानिक निकाय के अध्यक्ष के रूप में बने रहने की अनुमति दी जाती है, तो इसका बड़ी संख्या में छात्रों व भारतीय चिकित्सकों के हितों पर प्रतिकूल और गंभीर प्रभाव पड़ेगा। आयोग के अध्यक्ष के चयन और नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू होने की आयोग की तरफ से दी गई सूचना पर पीठ ने प्रक्रिया को शीघ्रता से पूरी करने का निर्देश दिया।
अदालत ने दायर दो याचिकाओं पर पारित किया
अदालत ने यह भी कहा कि चयन की प्रक्रिया के दौरान अदालत के इस निर्णय में की गई टिप्पणियों को ध्यान में रखा जाएगा। अदालत ने यह आदेश तत्कालीन केंद्रीय भारतीय चिकित्सा परिषद के पूर्व अध्यक्ष वेद प्रकाश त्यागी और डॉ. रघुनंदन शर्मा द्वारा दायर दो याचिकाओं पर पारित किया। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने नौ जून 2021 को एक परिपत्र जारी कर देवपुजारी को आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया था।
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