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    दिल्ली HC का बड़ा फैसला, एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर नहीं हो सकता पति को दहेज हत्या में फंसाने का आधार

    Updated: Tue, 13 May 2025 08:21 PM (IST)

    दिल्ली हाई कोर्ट ने दहेज हत्या के एक मामले में पति को जमानत देते हुए कहा कि विवाहेतर संबंध दहेज हत्या के लिए पति को फंसाने का आधार नहीं हो सकता जब तक कि इसका दहेज की मांग से कोई सीधा संबंध न हो। विवाहेतर संबंध क्रूरता के दायरे में तब तक नहीं आता जब तक यह साबित न हो जाए कि संबंध पत्नी को परेशान करने के लिए था।

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    विवाहेतर संबंध दहेज हत्या के लिए पति को फंसाने का नहीं हो सकता आधार: हाई कोर्ट

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दहेज हत्या के मामले में आरोपी पति को जमानत देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने टिप्पणी की कि पति का विवाहेतर संबंध तब तक क्रूरता या आत्महत्या के लिए उकसाने के दायरे में नहीं आता, जब तक यह साबित न हो जाए कि यह संबंध मृतक पत्नी को परेशान करने या पीड़ा पहुंचाने के लिए बनाया गया था।

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    न्यायमूर्ति संजीव नरुला की पीठ ने यह भी कहा कि विवाहेतर संबंध दहेज हत्या के लिए पति को फंसाने का आधार नहीं हो सकता, जब तक कि इसका दहेज की मांग से कोई संबंध न हो।

    आरोपी पति को उसकी पत्नी की शादी के पांच साल के अंदर अप्राकृतिक मौत के मामले में गिरफ्तार किया गया था।

    किन धाराओं के तहत दर्ज था मुकदमा

    महिला के स्वजन ने आरोपी पति के विरुद्ध आईपीसी की धारा-498ए (क्रूरता), 304-बी (दहेज हत्या) और वैकल्पिक रूप से धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत मामला दर्ज कराया था। महिला की 18 मार्च 2024 की देर रात फांसी लगाने से मौत हो गई थी।

    अभियोजन पक्ष का आरोप था कि याचिकाकर्ता पति का एक अन्य महिला के साथ विवाहेतर संबंध था। इसे लेकर कुछ वीडियो और चैट रिकॉर्ड का हवाला दिया गया है।

    हालांकि, अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि धारा 498ए आईपीसी के तहत क्रूरता या धारा 306 के तहत उकसावे के दायरे में नहीं आता है, जब तक कि यह नहीं दिखाया जाता है कि मृतक को परेशान करने या पीड़ा पहुंचाने के लिए संबंध बनाए गए थे।

    मार्च 2024 से हिरासत में है आरोपी

    अदालत ने कहा कि आरोपी मार्च 2024 से हिरासत में है और उसे लगातार हिरासत में रखने से कोई फायदा नहीं होगा क्योंकि जांच पूरी होने के बाद आरोप पत्र दाखिल किया गया है।

    अदालत ने कहा कि निकट भविष्य में मुकदमा खत्म होने की संभावना नहीं है। ऐसे में आरोपी को 50 हजार रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के दो जमानतदारों पर जमानत पर रिहा किया जाए।

    मृतका के परिवार ने आरोप लगाया कि आरोपी का अपनी ऑफिस सहकर्मी के साथ विवाहेतर संबंध था और जब उससे इस बारे में पूछा गया तो उसने उसका शारीरिक शोषण किया। यह भी दावा किया गया कि महिला को खुदकुशी से पहले नियमित रूप से घरेलू हिंसा का सामना करना पड़ा।