Delhi: 800 साल पुराना है हौज-ए- शम्सी तालाब, शम्सुद्दीन इल्तुतमिश ने कराया था निर्माण
800 साल पहले मामुलुक शासक शम्सुद्दीन इल्तुतमिश ने जहाज महल के पास हौज-ए-शम्सी तालाब बनवाया था लेकिन रखरखाव के अभाव यह तालाब आज बदहाल पड़ा है। स्थिति यह है कि जल निकाय के आसपास के निवासियों को इसके विलुप्त होने का डर सताने लगा है।

नई दिल्ली, शिवांगी चंद्रवंशी। दक्षिणी दिल्ली महरौली स्थित जहाज महल के पास बना हौज-ए-शम्सी तालाब ऐतिहासिक जलाशयों में से एक है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) की सूची में शामिल यह तालाब आज बदहाल है। एएसआइ की ओर से इसकी सुध नहीं लेने से कभी पर्याप्त पानी वाला यह तालाब अब जलीय खरपतवारों, काई से भरी अस्वच्छ और मच्छर-प्रजजन स्थल की तरह दिखने लगी है।
स्थिति यह है कि जल निकाय के आसपास के निवासियों को इसके विलुप्त होने का डर सताने लगा है। गंदगी और काई के चलते तालाब का पानी हरा हो गया है इससे चारों तरफ हरा झाग दिखाई दे रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि कई साल से तालाब की सफाई नहीं हुई है।
वहीं, तालाब के आसपास रोशनी के लिए एक भी स्ट्रीट लाइट नहीं लगी है। शम्सी तालाब की वर्तमान स्थिति सरकारी विभागों की उदासीनता का परिणाम है। लोगों का कहना है कि नियमित सफाई और गाद निकालने के अलावा, तालाब को पानी की आपूर्ति की भी आवश्यकता है। अन्यथा, यह तालाब जल्द ही सूखे डंपिंग ग्राउंड में बदल जाएगा।
रखरखाव के अभाव में सिकुड़ रहा तालाब
महरौली का यह ऐतिहासिक तालाब रखरखाव के अभाव में सिकुड़ रहा है। कभी 100 हेक्टेयर में फैला शम्सी तालाब गंदे पानी के एक पैच में सिकुड़ गया है। आस-पास के जलग्रहण क्षेत्रों का वर्षा जल तालाब के पानी का एकमात्र स्रोत है। वहीं, कचरे की डंपिंग की वजह से भी तालाब की स्थिति दयनीय होती जा रही है। लोग इस तालाब में कचरा फेंकते नजर आए।
शाम ढलते ही बन जाता है अराजक तत्वों का अड्डा
शम्सी तालाब के पास स्थित वार्ड आठ के लोग बताते हैं कि दिनभर इस तालाब के पास बने पार्क में जुआरी जुआ खेलते हैं। लोगों के अनुसार तालाब के आसपास एक भी लाइट न होने से यहां दिन ढलते ही यहां अश्लीलता भरी हरकतें देखने को मिल जाती हैं। आसपास के लोग बताते हैं कि यहां लोग खेलते हैं और शराब पीते हैं। इसके अलावा तालाब के चारों ओर लगी लोहे की ग्रिल भी चोरी हो गई है।
गंदगी की वजह से हरा हुआ तालाब का पानी
शम्सी तालाब में जलीय खरपतवार ज्यादा हैं। तालाब के चारों ओर लगी काई और खरपतवार की वजह से इसका पानी हरा हो गया है। अब तो यह मच्छर-प्रजनन स्थल लग रहे हैं। नियमित सफाई और गाद न निकालने से स्थिति दिन प्रति दिन खराब होती जा रही है। लोगों का कहना है कि यदि इसकी देखरेख नहीं की गई तो जल्द ही यह सूखे डंपिंग ग्राउंड में बदल जाएगा।
क्या है इतिहास
महरौली स्थित जहाज महल के पास मौजूद हौज-ए-शम्सी तालाब 800 साल पुराना है। इसे मामुलुक वंश के शासक शम्सुद्दीन इल्तुतमिश ने सन् 1230 ईसवी में बनवाया था। एएसआइ के अनुसार, धार्मिक परंपरा यह है कि पैगंबर ने एक बार इल्तुतमिश को सपने में दर्शन दिए थे और जहां पर तालाब बना है इस स्थल की ओर तालाब के निर्माण के लिए उपयुक्त होने का इशारा किया था। प्रसिद्ध यात्री इब्नबतूता ने अपनी रचनाओं में इस तालाब का जिक्र किया है।
इस बारे में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीक्षक प्रवीण सिंह ने कहा- जिस प्रकार बाकी तालाब और बावली का जीर्णोद्धार किया जा रहा है उसी तर्ज पर इसका भी जीर्णोद्धार जल्द किया जाएगा। आने वाले दिनों में जल्द यह नए रंग रूप में नजर आएगा।

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