Delhi News: दिल्ली के 82 जीनियस बच्चों की खोज पूरी, बनेंगे इनोवेशन और रिसर्च के मास्टर, सरकार ने शुरू किया 'प्रोजेक्ट अभिषिक्त'
दिल्ली सरकार ने प्रोजेक्ट अभिषिक्त के तहत छठी कक्षा के 82 प्रतिभाशाली विद्यार्थियों की पहचान की है। इन विद्यार्थियों को SCERT की ओर से तैयार विशेष पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा। चयनित विद्यार्थियों को भविष्य की परीक्षाओं और नवाचार के लिए प्रेरित किया जाएगा। उनके कौशल के अनुसार पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को खोजने के लिए प्रोजेक्ट अभिषिक्त की शुरुआत कर दी है।
इसके तहत छठवीं कक्षा से 82 विद्यार्थियों की पहचान की है, जो बाकी विद्यार्थियों की तुलना में अधिक जिज्ञासु हैं और विश्लेषण करने का विवेक रखते हैं।
ये छात्र दिल्ली के सभी 11 जिलों के स्कूलों से हैं और इनमें सर्वोदय विद्यालय, सर्वोदय कन्या विद्यालय (SKV) और सर्वोदय बाल विद्यालय (SBV) के छात्र और छात्राएं दोनों शामिल हैं। ये विद्यार्थी अब राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) की ओर से तैयार पाठ्यक्रम को पढ़ेंगे।
Research और Innovation के लिए प्रेरित किए जाएंगे ये विद्यार्थी
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP)-2020 के अनुरूप तैयार इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य प्रतिभाशाली विद्यार्थियों की पहचान कर उनकी क्षमताओं का विकास करना है।
इन विद्यार्थियों को एक विशेष प्रशिक्षण और मार्गदर्शन प्रक्रिया से गुजारा जाएगा ताकि उनकी प्रतिभा को सही दिशा दी जा सके। ये परियोजना धीरे-धीरे और भी कक्षाओं और स्कूलों में विस्तारित की जाएगी।
शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत चुने गए विद्यार्थियों को भविष्य के Competitive Exam, Research और Innovation के लिए प्रेरित करना है।
विद्यार्थी की Skill के लिहाज से तैयार होगा पाठ्यक्रम
इस परियोजना के तहत चुने गए विद्यार्थियों को विशेष प्रशिक्षित शिक्षकों की ओर से पढ़ाया जाएगा। इनके लिए विद्यार्थियों के कौशल (Skill) अनुरूप एक अलग पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा, जो उनकी मानसिक क्षमताओं, तार्किक सोच और रचनात्मकता को बढ़ावा देगा।
इस पाठ्यक्रम को तैयार करने में मनोवैज्ञानिकों, शैक्षिक विशेषज्ञों और विषय विशेषज्ञों की मदद ली गई है ताकि यह विद्यार्थियों की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा कर सके।
निदेशालय के अधिकारी ने कहा कि हर विद्यार्थी में कोई न कोई विशेष गुण छिपा होता है, जिसे सही मार्गदर्शन और अवसर मिलने पर विकसित किया जा सकता है। प्रोजेक्ट अभिषिक्त इसी सोच पर आधारित है।
पढ़ाई में रटने के बजाय सवाल-जवाब का तरीका अपनाया जाएगा
प्रोजेक्ट में नौवीं के विद्यार्थियों को भी पहले शामिल किया जाना था पर नौवीं में विद्यार्थियों की कम संख्या को देखते हुए सिर्फ छठवीं के विद्यार्थियों का चयन किया गया। ये 82 विद्यार्थी अपने प्रदर्शन, बौद्धिक क्षमता और समझ के स्तर पर अन्य छात्रों से काफी आगे हैं।
विद्यार्थियों को मिलने वाली यह विशेष शिक्षा न केवल उनके बौद्धिक विकास में सहायक होगी, बल्कि उन्हें आत्मविश्वासी, नवाचारी और समाज के लिए उपयोगी नागरिक बनाने में भी मदद करेगी।
अधिकारियों ने कहा कि अब पढ़ाई में रटने के बजाय सवाल-जवाब के तरीके और असली जिंदगी से जुड़ी चीजों को शामिल किया जाएगा।
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