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    रेखा गुप्ता सरकार का अब यह विभाग करेगा न्यायिक आवास परियोजना की निगरानी, पहले PWD को सौंपा गया था काम

    Updated: Fri, 22 Aug 2025 10:19 AM (IST)

    दिल्ली सरकार का विधि विभाग अब द्वारका में न्यायिक अधिकारियों के आवास परिसर के निर्माण की निगरानी करेगा। पहले यह काम लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) कर रहा था लेकिन कार्यों में खामियां पाई गईं। आवास परिसर के निर्माण के लिए एक परियोजना प्रबंधन सलाहकार (पीएमसी) नियुक्त करने हेतु निविदा जारी की गई है।

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    न्यायिक अधिकारियों के फ्लैटों के निर्माण को सलाहकार होंगे नियुक्त। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार का विधि विभाग पश्चिमी दिल्ली के द्वारका इलाके में न्यायिक अधिकारियों के आवास परिसर के निर्माण की निगरानी करेगा। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा पूर्व में किए गए कार्यों में खामियां पाई गई थीं।

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    एक आधिकारिक दस्तावेज के अनुसार, विभाग ने आवास परिसर के निर्माण के लिए एक परियोजना प्रबंधन सलाहकार (पीएमसी) नियुक्त करने हेतु एक निविदा जारी की है।

    पीएमसी वास्तुकला, संरचनात्मक, यांत्रिक-विद्युत-प्लंबिंग सेवाओं सहित सभी इंजीनियरिंग कार्यों के साथ-साथ संबद्ध कार्यों पर परामर्श प्रदान करेगा। बदले में, पीएमसी एक वास्तुकला सलाहकार फर्म को नियुक्त करेगा जो परियोजना की अवधारणा में परामर्श सेवाएं प्रदान करेगी।

    यह आवासीय परिसर द्वारका उपनगर में दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा आवंटित 10,000 वर्ग मीटर के भूखंड पर 171 करोड़ से बनाया जाएगा।

    मई में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता वाली दिल्ली सरकार की व्यय वित्त समिति ने निर्देश दिया था कि विधि विभाग पिछले अवसरों पर देखी गई खामियों को ध्यान में रखते हुए पीडब्ल्यूडी के अलावा किसी अन्य एजेंसी को काम देने की व्यवहार्यता का पता लगा सकता है।

    पीडब्ल्यूडी ने इस साल मई में, राष्ट्रीय सीमेंट एवं भवन निर्माण सामग्री परिषद (एनसीएमसी) और एक निजी ठेकेदार को 2016-17 के दौरान आवासीय परिसर में घटिया निर्माण कार्य के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए, उनके काम पर रोक लगा दी थी।

    पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा ने परियोजना कार्य की निगरानी कर रहे अपने विभाग के नौ अधिकारियों पर आंतरिक जांच के आदेश भी दिए थे। परियोजना के निर्माण के दो साल के भीतर ही प्लास्टर में दरारें और जोड़ों में जंग लगने और कंक्रीट के उखड़ने जैसी संरचनात्मक समस्याएं सामने आईं।

    पिछले साल दिसंबर में पीडब्ल्यूडी ने न्यायिक क्वार्टरों को ध्वस्त कर दिया। छह टावरों में 70 क्वार्टरों वाले आवासीय परिसर का कब्जा सौंपने से पहले 2023 में सर्वेक्षण किया गया था।