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    दिल्ली के 50 हजार उद्यमियों को फायदा पहुंचाने की कवायद, फ्री होल्ड की सौगात देगी भाजपा सरकार

    Updated: Thu, 31 Jul 2025 11:48 PM (IST)

    दिल्ली सरकार उद्यमियों को फैक्ट्री लाइसेंस के बाद अब फ्री होल्ड का तोहफा देने की तैयारी में है जिससे 50 हजार से अधिक उद्यमियों को लाभ मिलेगा। एमसीडी ने भी फैक्ट्री लाइसेंस को संपत्तिकर से जोड़कर राहत दी है। फ्री होल्ड होने पर उद्यमियों को सस्ते ऋण और सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। सरकार 2005 की नीति में सुधार कर इसे लागू करेगी।

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    फैक्ट्री लाइसेंस से राहत के बाद अब उद्यमियों को मिलेगी फ्री होल्ड की बड़ी सौगात।

    नेमिष हेमंत, नई दिल्ली। फैक्ट्री लाइसेंस से राहत दिलवाने के बाद अब दिल्ली सरकार ने उद्यमियों को फ्री होल्ड की सौगात देने की तैयारी की है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो इस माह उसकी घोषणा हो सकती है। इससे दिल्ली की औद्योगिक क्षेत्रों के 50 हजार से अधिक उद्यमियों को फायदा मिलेगा।

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    बुधवार को ही भाजपा शासित एमसीडी ईज आफ डूइंग बिजनेस की राह में बड़ा निर्णय लिया है। एक आदेश निकालकर उद्यमियों को फैक्ट्री लाइसेंस से राहत देने की घोषणा की है। अब उद्यमियों को अलग से फैक्ट्री लाइसेंस नहीं लेना होगा, बल्कि वह संपत्तिकर से ही जोड़ दिया गया है। संपत्तिकर का मात्र पांच प्रतिशत फैक्ट्री लाइसेंस के रूप में अब उद्यमियों को देना होगा।

    इस क्रम को आगे बढ़ाते हुए अब दिल्ली सरकार उद्यमियों को लीज से फ्री होल्ड की बड़ी मांग पूरा करने की तरफ कदम आगे बढ़ा रही है। ऐसा होने पर उद्यमियों को बैंकों से सस्ते दर पर ऋण के साथ सरकारी योजनाओं का लाभ मिल जाएगा, जो खुद की संपत्ति होने पर संभव है।

    उद्यमियों की यह दशकों पुरानी मांग है। जिससे राहत देने का संकल्प भाजपा ने चुनावी घोषणापत्र में भी व्यक्त किया था। मामले से जुड़े लोगों के अनुसार, इस दिशा में पूर्व की घोषणाओं का अध्ययन करने के साथ उद्यमी संगठनों से बैठकें कर मामले को समझा जा रहा है।

    मंगलवार को ही इस संबंध में लघु उद्योग भारती के पदाधिकारियों के साथ उद्योग मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बैठक की थी।

    माना जा रहा है कि सरकार वर्ष 2005 की फ्री होल्ड नीति में आवश्यक सुधार करते हुए उसे लागू किया जाएगा, जिसमें फ्री होल्ड के बदले उद्यमियों से कन्वर्जन चार्ज लिया जाएगा। वैसे, कई उद्यमी इसको न्यूनतम रखने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि जब औद्योगिक क्षेत्रों को बसाया गया था तो जमीन खरीद से लेकर बसावट के सारे खर्च एजेंसियों ने आवंटन से पहले ही उद्यमियों से वसूल लिए थे।

    मौजूदा वक्त में दिल्ली में कुल 51 औद्योगिक क्षेत्र हैं। उसमें 29 नियोजित औद्योगिक क्षेत्र व 25 गैर औद्योगिक क्षेत्र है। इसी तरह, चार फ्लैटेड फैक्ट्री काम्पलेक्स है।

    फ्री होल्ड का मामला 29 नियोजित औद्योगिक क्षेत्रों व फ्लैटेड फैक्ट्री काम्पलेक्स से जुड़ा हुआ है, जिसे दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन (डीएसआइआइडीसी) ने तैयार किया है।

    पूर्व की योजना में कई फैक्ट्रियों के फ्री होल्ड हुए, लेकिन अधिकतर मामले नौकरशाही के कारण लटक गए। मामले से जुड़े लोगों के अनुसार, इस मामले में रिलोकेशन फैक्ट्री क्षेत्रों को प्राथमिकता मिलेगी। जिन्हें वर्ष 2005 की फ्री होल्ड नीति से बाहर रखा गया था।