Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दिल्ली 1984 दंगा पीड़ित परिवारों को मिलेगा बड़ा तोहफा, सीएम रेखा गुप्ता ने किया एलान

    By Santosh Kumar Singh Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Tue, 27 May 2025 10:32 PM (IST)

    दिल्ली सरकार 1984 के सिख विरोधी दंगा पीड़ितों के परिवारों को सरकारी नौकरी दे रही है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 125 लोगों को नियुक्ति पत्र सौंपे और कहा कि सरकार पीड़ितों को न्याय दिलाने और सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। कश्मीरी विस्थापितों और कोरोना पीड़ितों को भी सहायता प्रदान की जा रही है। अतीत को तो नहीं बदल सकते लेकिन उनके वर्तमान को जरूर सुधार सकते हैं।

    Hero Image
    दिल्ली सरकार 1984 के सिख विरोधी दंगा पीड़ितों के परिवारों को सरकारी नौकरी दे रही है। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि 1984 के सिख विरोधी दंगों में मारे गए लोगों के आश्रितों को दिल्ली सरकार में सरकारी नौकरी दी जा रही है। उन्हें मल्टी टास्किंग स्टाफ के तौर पर नियुक्त किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने 125 लोगों को नियुक्ति पत्र दिए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उन्होंने कहा, 1984 के सिख विरोधी दंगों में अपनों को खोने वालों के दर्द की भरपाई नहीं की जा सकती। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार बनते ही पीड़ितों को न्याय दिलाने और आरोपियों को सजा दिलाने का काम शुरू हुआ।

    प्रधानमंत्री के संकल्प को आगे बढ़ाते हुए दिल्ली सरकार इन पीड़ित परिवारों को सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करने के लिए नियुक्ति पत्र वितरित कर रही है। हम अतीत को तो नहीं बदल सकते, लेकिन उनके वर्तमान को जरूर सुधार सकते हैं।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि कश्मीरी विस्थापित परिवारों को भी पिछली सरकारों ने लंबे समय तक नजरअंदाज किया। हमारी सरकार ने उन्हें हरसंभव मदद देने का संकल्प लिया है। कोरोना महामारी में जान गंवाने वालों के आश्रितों को आर्थिक मदद देने के लिए विशेष कमेटी का गठन किया गया है।

    मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, पिछली सरकारों से बार-बार अपील की गई, लेकिन पीड़ितों की समस्या नहीं सुनी गई। जो काम पिछली सरकार 10 साल में नहीं कर पाई, उसे हमारी सरकार ने 100 दिन में पूरा कर दिया है। इस मौके पर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका, राजस्व विभाग के अधिकारी और पीड़ित परिवार मौजूद रहे।