आपाताकाल के विवादास्पद MISA Act के सभी दस्तावेज सार्वजनिक करेगी दिल्ली सरकार, गृह विभाग को भेजीं फाइलें
दिल्ली सरकार मीसा कानून से जुड़े सारे दस्तावेज पहली बार सार्वजनिक करेगी। आपातकाल में विपक्षी नेताओं के खिलाफ इसका इस्तेमाल हुआ था। गृह विभाग को फाइलें भेजी गई हैं जिन्हें डिजिटलीकरण के बाद आम जनता देख सकेगी। इसका उद्देश्य भारत के राजनीतिक इतिहास को संरक्षित करना है। इन दस्तावेजों में गिरफ्तार कार्यकर्ताओं और लोगों के विवरण शामिल हैं।

राज्य ब्यूराे, नई दिल्ली: दिल्ली सरकार विवादास्पद Maintenance of Internal Security Act (MISA) से संबंधित सभी दस्तावेज पहली बार सार्वजनिक करने जा रही है।
इस अधिनियम का इस्तेमाल आपातकाल के दौरान विपक्षी नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ बड़े स्तर पर किया गया था।
सूत्रों के अनुसार मीसा से संबंधित सभी उपलब्ध फाइलें अंतिम मंजूरी के लिए गृह विभाग को भेज दी गई हैं। प्रक्रिया पूरी होते ही, दस्तावेज का डिजिटलीकरण कर उन्हें आम लोगों के लिए उपलब्ध करा दिया जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि इसका उद्देश्य भारत के राजनीतिक इतिहास के इस महत्वपूर्ण अध्याय को संरक्षित और साझा करना है।
डिजिटलीकरण के लिए प्राप्त किए गए दस्तावेज
यह सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं कि यह प्रक्रिया समयबद्ध तरीके से पूरी हो। मीसा से संबंधित दस्तावेज अन्य चार करोड़ दस्तावेज के डिजिटलीकरण की प्रक्रिया के दौरान प्राप्त किए गए।
सूत्रों ने बताया कि इन दस्तावेज में आपातकाल के दौरान गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं और लोगों के विवरण और रिपोर्ट शामिल हैं।
यह कदम आपातकाल की 50वीं बरसी के बाद उससे संबंधित ऐतिहासिक अभिलेखों, विशेष रूप से मीसा के तहत की गई गिरफ्तारियों से संबंधित अभिलेखों में बढ़ती रुचि के बीच उठाया गया है।
जेपी व अटल बिहारी वाजपेयी इसी के हिरासत में लिए गए थे
वर्ष 1975 और 1977 के बीच आपातकाल के दौरान जयप्रकाश नारायण, मोरारजी देसाई, अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी सहित कई विपक्षी नेताओं को मीसा के तहत हिरासत में लिया गया था।
शाह जांच आयोग के अनुसार उस दौरान 35,000 से अधिक लोगों को बिना किसी मुकदमे के हिरासत में रखा गया था।
राष्ट्रीय सुरक्षा और आंतरिक अशांति के मुद्दों से निपटने के लिए 1971 में तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार द्वारा 21 महीने के आपातकाल के दौरान मीसा कानून लागू किया था।
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