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    Delhi News: आवंटित होने से पहले ही जर्जर हो गए राजीव रत्न आवास योजना के फ्लैट्स, सुरक्षा आडिट कराएगी सरकार

    Delhi News DSIIDC की जांच में यह बात सामने आई है कि पानी और सैनिटरी पाइप दरवाजे खिड़कियां और यहां तक कि खंभों में इस्तेमाल होने वाले लोहे के ग्रिल यहां से चोरी हो चुकी हैं। रखरखाव न हाेने के कारएण ये निर्माण कमजोर हो रहे हैं।

    By V K ShuklaEdited By: Aditi ChoudharyUpdated: Mon, 07 Nov 2022 11:08 AM (IST)
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    आवंटित होने से पहले ही जर्जर हो गए राजीव रत्न आवास योजना के फ्लैट्स, सुरक्षा आडिट कराएगी सरकार (सांकेतिक तस्वीर)

    नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। जिस राजीव रत्न आवास योजना के फ्लैटों को सरकार आवंटित करने की याेजना बना रही थी, दिल्ली राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम (DSIIDC) के अभियंताओं द्वारा किए गए निरीक्षण में ये फ्लैट जर्जर निकले हैं। इस रिपाेर्ट के बाद डीएसआइआइडीसी ने इन फ्लैटों का सुरक्षा आडिट कराने का फैसला लिया है। इसको लेकर प्रक्रिया शुरू की गई है।

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    रखरखाल के अभाव में इमारतें जर्जर

    डीएसआइआइडीसी की जांच में यह बात सामने आई है कि पानी और सैनिटरी पाइप, दरवाजे, खिड़कियां और यहां तक कि खंभों में इस्तेमाल होने वाले लोहे के ग्रिल यहां से चोरी हो चुकी हैं। रखरखाव न हाेने के कारण ये निर्माण कमजोर हो रहे हैं। एक अधिकारी ने कहा कि इन फ्लैटाें में लोगों को रहने के लिए आवंटित किए जाने से पहले फ्लैटों की मजबूती का पता लगाने के लिए सुरक्षा आडिट कराने की जरूरत है।

    रहने लायक नहीं दिल्ली सरकार के फ्लैट्स

    मौजूदा हालत में कोई भी इन फ्लैटों में नहीं रह सकता है। इनकी तत्काल मरम्मत कार्य की आवश्यकता है। गत फरवरी में बाहरी दिल्ली के बवाना गांव के पास एक चार मंजिला खाली इमारत गिरने से नौ साल की बच्ची समेत चार लोगों की मौत हो गई और कम से कम दो महिलाएं घायल हो गईं। डीएसआइआइडीसी ने 2007-10 के दौरान राजीव रत्न आवास योजना के तहत यहां 3,680 फ्लैट बनाए थे।

    दिल्ली में 45000 से अधिक EWS फ्लैट 

    अधिकारियों के अनुसार जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन और राजीव रत्न आवास योजना के तहत दिल्ली में विभिन्न एजेंसियों द्वारा 45000 से अधिक ईडब्ल्यूएस फ्लैट बनाए गए थे। बवाना, नांगलोई और सावड़ा घेवरा आदि में हजारों फ्लैट हैं। इनमें से आधे के करीब फ्लैट राजीव रत्न आवास योजना के तहत बनाए गए हैं।

    • योजना के मुख्य बिंदु-राजीव रत्न आवास योजना के तहत फ्लैट देने के लिए 2008 में झुग्गी वालों को 100 रुपये का फार्म बेचा गया था। उस समय पौने तीन लाख गरीबों ने आवेदन किए थे।
    • 2008 में दिल्ली सरकार ने झुग्गी वालों के लिए 60 हजार मकान बनाने की बात कही थी।-2012 में सरकार ने वादा किया का कि झुग्गी वालों के लिए चार लाख मकान बनेंगे।
    • दिल्ली सरकार ने 95 झुग्गी बस्तियों को राजीव रत्न आवास योजना के तहत उजाड़ कर बहुमंजिला आवास में पुनर्वास करने का फैसला लिया था।
    • झुग्गी वालों को उजाड़ कर बवाना, भोरगढ़, नरेला, द्वारका व बापरोला आदि में बसाया जाना था।
    • उस समय विकसित किए जाने वाले बहुमंजिला फ्लैटों में लोगों को बसाने से पहले वहां बच्चों के लिए स्कूल, बैंक, मार्केट, राशन की दुकान व डाकखाना आदि खोलने की भी बात कही गई थी।
    • फ्लैट बन गए, मगर आज तक ये कालोनियां नहीं बसाई जा सकी हैं। सरकार अभी तक यह नहीं कर सकी है कि इन्हें किस तरह आवंटित किया जाए। 

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