दिल्ली सरकार को हाई कोर्ट की फटकार! पूछा- टिन शेड में स्कूल चलेंगे तो कैसे करेंगे निजी स्कूलों से प्रतिस्पर्धा
दिल्ली उच्च न्यायालय ने टिन शेड में चल रहे दिल्ली सरकार के स्कूलों पर नाराजगी व्यक्त की। अदालत ने स्कूलों में उचित ढांचागत सुविधाओं की कमी पर सवाल उठाए और सरकार से सुधारात्मक कदम उठाने के लिए कहा। सरकार ने अदालत से समय मांगा है और मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी। टिन शेड वाले स्कूलों को लेकर सरकार की खिंचाई की गई।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। टिन शेड में चलने वाले दिल्ली सरकार के स्कूलों से जुड़ी एक जनहित याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार काे दिल्ली सरकार को फटकार लगाई।
स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को अनुकूल माहौल प्रदान करने में निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए अदालत ने टिप्पणी की कि जब सरकार टिन शेड वाले स्कूल चला रही है तो वह निजी स्कूलों से कैसे प्रतिस्पर्धा कर सकती है।
अदालत ने कहा कि हम 2025 में हैं और हालात यह है कि दिल्ली सरकार टिन शेड वाले स्कूल चला रही है। मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि ये न केवल टिन शेड वाले हैं, बल्कि इनमें दीवारें, उचित डेस्क, ब्लैकबोर्ड आदि भी नहीं हैं।
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए स्थायी वकील समीर वशिष्ठ ने मामले पर एक सप्ताह का देने का अनुरोध करते हुए आश्वासन दिया कि सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे।
इस पर पीठ ने समीर वशिष्ठ से कहा कि आपको ऐसे सभी स्कूलों का दौरा करना चाहिए क्योंकि याचिकाकर्ता कब तक ऐसे स्कूलों का दौरा करेंगे और इनकी खोज करते रहेंगे।
याचिकाकर्ता संगठन की तरफ से पेश हुए वकील अशोक अग्रवाल ने सुनवार्ठ के दौरान पीठ को बताया कि शिक्षा सचिव द्वारा 2024 में आश्वासन दिया था कि स्कूलों का बुनियादी ढांचा तैयार किया जाएगा, लेकिन अभी तक कुछ नहीं किया गया है। मामले में अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी।
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