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Delhi PGT Recruitment Rules: 30 से ऊपर है उम्र तो नहीं बन सकेंगे पीजीटी, दिल्ली सरकार ने बदले भर्ती के नियम

Delhi Govt School PGT Recruitment Rules अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (Post Graduate Teacher) की भर्ती के लिए नियमों में बदलाव किया है। इसके तहत अब 30 की उम्र वाले अभ्यर्थी ही आवेदन कर सकेंगे।

By Ritika MishraEdited By: JP YadavPublished: Thu, 20 Oct 2022 01:35 PM (IST)Updated: Thu, 20 Oct 2022 02:32 PM (IST)
दिल्ली में पीजीटी शिक्षक भर्ती का नियम बदल गया है। फोटो प्रतीकात्मक

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (Post Graduate Teacher) की भर्ती के लिए नियमों में एक अहम बदलाव किया गया है। इसके तहत अगर अभ्यर्थी की उम्र 30 वर्ष से ऊपर है तो वह दिल्ली के सरकारी स्कूलों में भर्ती होकर अपनी सेवाएं नहीं दे सकता है। पूर्व में दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पीजीटी शिक्षकों की भर्ती की अधिकतम उम्र 36 थी जो अब 30 कर दी गई है। इसका फैसला दिल्ली सरकार की ओर से लिया गया है। 

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दौड़ से बाहर हुए 30 से अधिक उम्र वाले

राजधानी दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पीजीटी (पोस्ट ग्रेजुएट शिक्षक) के रिक्त पदों की भर्ती नियमों में बदलाव किया गया है। जिसके बाद 30 से अधिक उम्र के वो उम्मीदवार जो सरकारी स्कूलों में पीजीटी बनने का सपना देख रहे थे वो इस दौड़ से बाहर हो गए हैं। दिल्ली सरकार ने अपने स्कूलों में पीजीटी की नियुक्ति के लिए अधिकतम उम्र सीमा में छह वर्ष की कटौती की है।

इसी सत्र से लागू होगा नियम

अभी तक पीजीटी के तहत होने वाली शिक्षकों की भर्ती में शिक्षकों की अधिकतम आयु सीमा 36 साल थी, वहीं नए प्रस्तावित नियमों के तहत अधिकतम आयु सीमा 30 वर्ष होगी। अब इन पदों पर केवल वहीं उम्मीदवार आवेदन कर सकेंगे जिनकी उम्र 21 से 30 वर्ष की हो। वहीं, केंद्र सरकार की तरफ से सरकारी सेवारत आवेदनकर्ताओं को पांच वर्ष की छूट मिलेगी। सरकार का ये निर्णय इसी सत्र से लागू होगा।

30 की उम्र वाले ही कर सकेंगे आवेदन

शिक्षा निदेशालय के मुताबिक, दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार ने पीजीटी भर्ती के नियमों (Delhi PGT Recruitment Rules) में बदलाव किया है। दिल्ली सरकार ने पीजीटी भर्ती के नियम बदले हैं, जिसके तहत पीजीटी के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए 30 साल तक की उम्र के उम्मीदवार ही आवेदन कर सकते हैं।

6 साल कम की गई उम्र

बता दें कि इससे पहले दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पीजीजी के भर्ती की अधिकतम उम्र 36 साल थी। काफी सालों बाद इस तरह का बदलाव किया गया है। दिल्ली सरकार के मुताबिक, भर्ती प्रक्रिया पहले ही तरह ही रहेगी, सिर्फ उम्र को लेकर यह बड़ा बदलाव किया गया है। 

अभ्यर्थियों की मांग, निर्णय वापस ले सरकार

भीम शर्मा (प्रतियोगी परीक्षा अभ्यर्थी) का कहना है कि नए भर्ती नियम में स्नातकोत्तर उपाधि ले चुके उम्मीदवारों के लिए पीजीटी भर्ती में आवेदन की उम्र सीमा 36 वर्ष से घटाकर 30 वर्ष कर दी गई है। जो कि प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के सपनों पर पानी फेरने जैसा हैं। सरकार को इसे वापस लेना चाहिए। चूंकि लगभग 27 से 28 वर्ष तक तो अभ्यर्थी स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त करते हैं। ऐसे में उनके पास इस परीक्षा को देने के लिए बहुत ही कम मौके हैं।

पदोन्नति पर भी पड़ेगा विपरीत असर

दिल्ली के सरकारी स्कूलों में राजनीति विज्ञान के शिक्षक डा. विजय कुमार सिंह ने कहा कि भर्ती नियमों के बदलने से न केवल नए उम्मीदवारों को कम अवसर मिलेंगे। बल्कि वर्तमान में सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षक जिन्होंने अन्य विषय में स्नातकोत्तर की उपाधि ली हुई हैं उनकी पदोन्नति पर भी विपरीत असर पड़ेगा। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि इसके स्थान पर विभाग को विभागीय परीक्षा के आधार पर पदोन्नति की नीति अपनानी चाहिए थी। 

कई लोगों की उम्मीद टूटी

अखिल भारतीय अतिथि शिक्षक संघ (एआइजीएसटीए) के अध्यक्ष अरुण डेढ़ा के मुताबिक नए भर्ती नियम में आयु सीमा घटाने से 20 हजार से अधिक अतिथि शिक्षकों को नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि सरकार के इस आदेश ने एक ही झटके में लाखों युवाओं को बिना भर्ती परीक्षा में शामिल हुए ही उम्र सीमा से अधिक बताकर बेरोजगार कर दिया है। उन्होंने कहा कि भर्ती भी तीन ये चार साल में एक बार होती हैं। ऐसे में कई शिक्षकों तो तैयारी करते-करते ही अधिकतम उम्र सीमा से अधिक हो जाते हैं। उनके मुताबिक अभी 31 से 36 साल की उम्र के बीच के जो उम्मीदवार पीजीटी की परीक्षा की तैयारी कर रहे होंगे उनकी शिक्षक बनने की उम्मीदें इस नए नियम से टूट गई है।

उम्र घटाने से बढ़ेगी बेरोजगारी

एआइजीएसटीए के महासचिव शोएब राणा ने कहा कि दूसरे राज्यों में पीजीटी की भर्ती के लिए अधिकतम उम्र सीमा 40 साल या उससे ज्यादा है। ऐसे में दिल्ली में उम्र सीमा को 36 साल से घटा कर 30 साल कर देना युवाओं से रोजगार के अवसर छीनने जैसा है।उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार युवाओं को शिक्षक बनने के लिए प्रेरित कर रही है वहीं दूसरी तरफ भर्ती की उम्र सीमा घटा कर उनको भर्ती में बैठने से ही वंचित किया जा रहा है। उनके मुताबिक उम्र सीमा घटाने से बेरोजगारी बढ़ेगी। सरकार को और शिक्षा निदेशालय को शिक्षकों के हितों का ध्यान में रखते हुए ये आदेश तुरंत वापस लेना चाहिए।

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