दिल्ली सरकार ने अपने विभागों से कहा- LG द्वारा हाल में दिए गए निर्देशों पर की जा रही कार्यवाही पर लगाएं रोक
सुप्रीम कोर्ट द्वारा अफसरों का नियंत्रण दिल्ली सरकार के पक्ष में देने के कुछ दिनों बाद राज्य सरकार ने अपने विभिन्न विभागों से हाल के महीनों में उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा सीधे उन्हें जारी किए गए निर्देशों पर कार्रवाई वापस लेने को कहा है।

नई दिल्ली, पीटीआई। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अफसरों का नियंत्रण दिल्ली सरकार के पक्ष में देने के कुछ दिनों बाद राज्य सरकार ने अपने विभिन्न विभागों से हाल के महीनों में उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा सीधे उन्हें जारी किए गए निर्देशों पर कार्रवाई वापस लेने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद संबंधित विभागों के प्रभारी मंत्रियों ने 12 मई को निर्देश जारी किया था कि वे व्यापार नियमों (टीबीआर) के लेन-देन का सख्ती से पालन करें और मुख्य सचिव के माध्यम से उनके सामने फाइलें न रखें।
दिल्ली सरकार द्वारा जारी सर्कुलर के अनुसार, विभागों को कहा गया है कि उन सभी कार्यों को रोक दें, जो उपराज्यपाल द्वारा सीधे निर्देशों पर किए जा रहे थे। सर्कुलर में कहा गया है कि उपराज्यपाल सक्सेना ने निर्वाचित सरकार को पूरी तरह दरकिनार करते हुए मुख्य सचिव के माध्यम से विभिन्न विभागों को सीधे कई निर्देश जारी किए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने अपने 2018 के आदेश और 11 मई (बृहस्पतिवार) के हालिया आदेश में कहा कि केंद्र बनाम दिल्ली सरकार की लड़ाई में फैसला आम आदमी पार्टी सरकार के पक्ष में दिया है। इस फैसले के आने के बाद अब राष्ट्रीय राजधानी के अफसरों का नियंत्रण केजरीवाल सरकार के हाथ आ गया है।
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने 11 मई को सर्वसम्मिति से फैसला सुनाया था कि सेवाओं से जुड़े विभाग के मामलों पर विधायी और कार्यकारी शक्तियां दिल्ली की निर्वाचित सरकार के पास हैं। जबकि भूमि, पुलिस और सार्वजनिक व्यवस्था से संबंधित मामले पूर्व की तरह उप राज्यपाल के अधिकार क्षेत्र में ही रहेंगे।
सभी विभाग प्रभारी मंत्रियों को सौंपे फाइल
इसलिए उपराज्यपाल के विभागों को दिए गए सीधे आदेश संविधान और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के विपरीत हैं। सर्कुलर में विभाग प्रमुखों से कहा गया है कि वे एलजी द्वारा सीधे उन्हें जारी किए गए निर्देशों की एक सूची प्रदान करें और प्रभारी मंत्रियों के अगले निर्देश तक उन पर आगे कोई कार्रवाई न करें।
सुप्रीम कोर्ट के 11 मई के आदेश से पहले सेवा विभाग एलजी के कार्यकारी नियंत्रण में था। सरकार ने टीबीआर के प्रावधानों का पालन नहीं किए जाने की भी शिकायत की है और इसके कड़ाई से अनुपालन के निर्देश दिए हैं। साथ ही यह भी निर्देश दिए गए कि संबंधित विभाग के सचिव फाइलों को सीधे प्रभारी मंत्री के सामने पेश करें, न कि मुख्य सचिव के माध्यम से।
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