Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    CBSE 12th Result 2018: लावण्या झा दिव्यांग कोटे से तीसरी टॉपर रहीं

    By Edited By:
    Updated: Sun, 27 May 2018 01:29 PM (IST)

    लावण्या ने बताया कि वह आजकल दोस्त, परिजनों, आस-पड़ोस के लोगों में दिनोंदिन मानसिक बीमारियों को बढ़ता देख रही हैं। इसलिए वह मनोचिकित्सक बनना चाहती हैं। ...और पढ़ें

    Hero Image
    CBSE 12th Result 2018: लावण्या झा दिव्यांग कोटे से तीसरी टॉपर रहीं

    नई दिल्ली (हर्षित वर्मा)। 12वीं में आरकेपुरम स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) की छात्रा लावण्या झा दिव्यांग कोटे से तीसरी टॉपर रहीं। उन्होंने सभी विषयों में बेहतरीन प्रदर्शन कर 487 अंक हासिल किए। उन्होंने पसंदीदा विषय साइकोलॉजी में (98) अंक प्राप्त किए हैं। पॉलिटिकल साइंस में (98), अंग्रेजी में (97), सोशियोलॉजी में (97) व इंफॉरमेटिक्स प्रेक्टिसेज में (97) अंक हासिल किए हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    लावण्या के टॉप होने की खबर सुनते ही स्कूल के सभी टीचर और पटना स्थित उनके घर में मिठाइयां बांटी गई। उन्होंने इसका पूरा श्रेय माता-पिता और सभी विषय की शिक्षकों को दिया। उनका कहना है कि आंखों की परेशानी को लेकर कई बार दिक्कतें तो आईं, लेकिन शिक्षकों ने यह अहसास नहीं होने दिया।

    तीन बच्चों ने भी किया बेहतर प्रदर्शन आरकेपुर डीपीएस में लावण्या के साथ अन्य तीन बच्चों ने भी अच्छे अंक प्राप्त किए हैं। विज्ञान विषय में सिद्धांत पांडा ने 98.4 प्रतिशत, आदित्य अग्रवाल ने कॉमर्स में 98.4, छात्रा मेहवश सईद ने आ‌र्ट्स में 97.8 अंक प्राप्त कर परिजनों और स्कूल का नाम रोशन किया है।

    सिद्धांत पांडा ने बताया कि उनके पिता पार्थ सारथी पांडा एयर इंडिया में असिस्टेंट जनरल मैनेजर हैं। वह बड़े होकर एयर क्राफ्ट डिजाइनर बनना चाहते हैं। आदित्य अग्रवाल ने बताया कि उनका परिवार ओडिशा में रहता है। उनके पिता कमल अग्रवाल व्यापार करते हैं।

    वह अपना करियर इकोनॉमिक्स स्टडीज में बनाना चाहते हैं। वहीं छात्रा मेहवश सईद ने बताया कि उनके पिता फैसल सईद टूरिज्म कंपनी के डायरेक्टर हैं और मां शाहबानो सईद अंग्रेजी की अध्यापिका हैं। वह वकील बनना चाहती हैं।

    खुद पर हो यकीं तो कोई राह मुश्किल नहीं

    दिव्यांग वर्ग में तीसरी टॉपर रहीं लावण्या झा का मानना है कि अगर खुद पर यकीन हो तो कोई राह मुश्किल नहीं होती। उन्होंने 97.4 प्रतिशत हासिल कर इस कहावत को चरितार्थ किया है। उन्होंने बताया कि मुझे दृष्टि दोष है, लेकिन मैंने इसे कभी कमजोरी नहीं बनने दिया। कुछ बनने के लिए अच्छी शिक्षा हासिल करना बेहद है। वह प्रतिदिन सभी विषयों को एक-एक घंटा तय कर पढ़ती थीं।

    लावण्या का मानना है कि अगर स्कूल की पढ़ाई को प्रतिदिन रिवाइज करते हैं तो विषय पर अच्छी पकड़ बन सकती है। उनका पूरा परिवार पटना के पटेल नगर, पुष्कर अपार्टमेंट में रहता है। पिता अभय कुमार एक्सिस बैंक में जनरल मैनेजर हैं।

    मां चेतना झा हाउस वाइफ हैं और बड़ी बहन श्रेया झा दिल्ली स्थित आईपी यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई कर रही हैं। उन्होंने इस सफलता का श्रेय अपनी स्कूल की टीचर और परिजनों को दिया है।

    मनोचिकित्सक बनना चाहती हैं लावण्या

    लावण्या ने बताया कि वह आजकल दोस्त, परिजनों, आस-पड़ोस के लोगों में दिनोंदिन मानसिक बीमारियों को बढ़ता देख रही हैं। इसलिए वह मनोचिकित्सक बनना चाहती हैं। लावण्या की साइकोलॉजी(मनोविज्ञान) विषय की अध्यापिका प्रीति प्रतिहारी ने बताया कि वह स्कूल में कमजोर बच्चों को प्रेरित करती हैं।

    उन्होंने कभी यह अहसास नहीं होने दिया कि वह शारीरिक तौर पर अन्य छात्रों से अलग हैं। इसी ललक और जुनून ने उन्हें सफलता दिलाई है। वहीं उनके पिता का कहना है कि वह इस मुकाम पर अपनी मेहनत और लगन से यहां पहुंची हैं। वह खुद परिवार के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन गई हैं।

    लिखना और पौधरोपण है पसंद

    लावण्या ने बताया कि उन्हें समाज सेवा करना बेहद पसंद है। इसी के साथ वह कविता भी लिखती हैं। स्कूल में होने वाले सांस्कृतिक आयोजनों में वह खुद की लिखी हुईं कई कविताएं सुना चुकी हैं। इसी के साथ उन्हें पौधरोपण का भी शौक है। उनका मानना है कि प्रकृति हमें आगे बढ़ने को प्रेरित करती है।