चौंकिए मत... दिल्ली में 10 हजार से अधिक 'मृत व्यक्ति' खा रहे फ्री का राशन, 96 हजार लाभार्थियों के पास निजी कारें
दिल्ली में मुफ्त राशन वितरण में एक बड़ी धांधली सामने आई है। लगभग 10000 मृतक और कई आयकरदाता भी मुफ्त राशन का लाभ उठा रहे हैं जबकि यह योजना केवल गरीब परिवारों के लिए है। केंद्र सरकार के राष्ट्रव्यापी राशन कार्ड सत्यापन अभियान के दौरान यह खुलासा हुआ जिसके बाद दिल्ली से 6.52 लाख अपात्र लाभार्थियों के नाम हटाने की सिफारिश की गई है।
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। पढ़ने या सुनने में हैरानी भले ही हो, लेकिन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 10 हजार ऐसे लोग भी मुफ्त राशन खा रहे हैं, जो परलोक सिधार चुके हैं। लगभग 96 हजार लाभार्थियों के पास निजी कारें हैं। करीब 2.80 लाख लोग जमीन के मालिक और यहां तक कि आयकरदाता भी हैं।
आश्चर्यमिश्रित तथ्य यह भी है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत संचालित मुफ्त राशन की योजना उन परिवारों के लिए है जिनकी वार्षिक आय एक लाख रुपये से कम है।
बता दें कि यह चौंकाने वाली जानकारी केंद्र सरकार के एक राष्ट्रव्यापी राशन कार्ड सत्यापन अभियान के तहत सामने आई है। इसमें देशभर में एक करोड़ 17 लाख लाभार्थियों के नाम रद करने की सिफारिश की गई है। इस आंकड़े में दिल्ली का डेटा 6.52 लाख है। मालूम हो कि राजधानी में 72.77 लाख लाभार्थी हैं, जिसमें यह हिस्सा करीब 10 प्रतिशत है।
खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इन अपात्र लाभार्थियों की पहचान केंद्र के राष्ट्रव्यापी राशन कार्ड सत्यापन अभियान के तहत शुरू किए गए अभियान के दौरान की गई है।
गौरतलब है कि शहर में कुल 17.46 लाख राशन कार्ड धारक हैं। इनमें से 16.80 लाख प्राथमिकता वाले परिवार और 66,149 अंत्योदय अन्न योजना के अंतर्गत आते हैं।
अंत्योदय अन्न योजना में परिवारों को हर माह 35 किलो अनाज (21 किलो गेहूं, 14 किलो चावल, पांच किलो चीनी) मिलता है। प्राथमिकता वाले राशन कार्ड धारकों को हर महीने प्रति सदस्य पांच किलो अनाज (तीन किलो गेहूं और दो किलो चावल) दिया जाता है।
वहीं, अधिकारियों ने बताया कि जनवरी 2024 से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत पांच साल तक मुफ्त राशन उपलब्ध कराया जा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि अभियान के दौरान 89,084 नकली लाभार्थी मिले, जिनके पास एक से ज्यादा राज्यों में राशन कार्ड थे। क्षेत्रीय सर्वेक्षण और 68,926 लाभार्थियों के सत्यापन के बाद विभाग ने नकली राशन कार्ड वाले 27,745 लोगों के नाम हटाने की सिफारिश की है।
एक अधिकारी ने कहा, "उदाहरण के लिए, ऐसे मामले भी हैं जहां परिवार पहले आर्थिक रूप से कमजोर था, लेकिन अब बच्चे सरकारी नौकरियों में कार्यरत हैं।" "ऐसे मामलों में, हम देखते हैं कि क्या बच्चे घर छोड़कर चले गए हैं और माता-पिता के पास आय का कोई स्थिर स्रोत नहीं है, फिर हम राशन कार्ड से केवल बच्चों का नाम हटाते हैं। अगर परिवार साथ रहता है, तो पूरे परिवार का नाम लाभार्थी सूची से हटा दिया जाता है।"
आंकड़ों में लगभग 1,033 लाभार्थियों की आयु 100 से 120 वर्ष के बीच दिखाई गई है - सत्यापन के बाद ये प्रविष्टियां हटा दी जाएंगी। एक अधिकारी ने यह भी कहा, "अगर किसी राशन कार्ड धारक के पास ए, बी, सी और डी श्रेणियों में जमीन का कोई टुकड़ा है, जो उच्च-वर्गीय इलाकों में आता है, तो उसका नाम सूची से हटा दिया जाएगा।" एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में ज़मीन को क्षेत्रफल के अनुसार ए से एच के बीच वर्गीकृत किया गया है।
आंकड़ों से यह भी पता चला है कि 1,84,467 लोग "मूक" लाभार्थी हैं - वे लोग जिन्होंने अपना ई-केवाईसी पूरा नहीं किया है। छह महीने से ज्यादा समय से मुफ्त राशन भी नहीं लिया है।
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अधिकारी ने बताया कि इस सत्यापन प्रक्रिया की अंतिम रिपोर्ट 30 सितंबर तक केंद्र को सौंपनी होगी। हाल ही में जारी एक सरकारी परिपत्र में कहा गया है, "इस प्रक्रिया का उद्देश्य पारदर्शिता बनाए रखना और यह सुनिश्चित करना है कि वास्तविक और पात्र परिवार ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत लाभ प्राप्त करें। जहां आवश्यक हो, वहां क्षेत्रीय सत्यापन करें, अयोग्य लाभार्थियों को चिह्नित करें और उनके नाम हटाने की अनुशंसा करें।"
22 अगस्त 2025 को पोर्टल पर दिल्ली की स्थिति
1-कुल राशन कार्ड - 17,46,872
2-कुल लाभार्थी - 72,77,995
3- कुल विशिष्ट चिह्नित लाभार्थी - 6,52,172
4- मृतक -10,549
5- 100-120 वर्ष के बीच आयु - 1033
6-बिना केवाईसी वाले लाभार्थी - 1,84,467
7-फर्जी या नकली लाभार्थी - 89084
8-भूमि स्वामित्व -1,91,346
9-आयकर दाता -1,71,702
10- जीएसटीएन नंबर वाले - 2,842
11-चार वाहन वाले- 95,741
12- कंपनी निदेशक- 24,551
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