दिल्ली में अब बिजली सब्सिडी पर शुरू हुई सियासत, CM केजरीवाल के आरोप पर LG ने किया पलटवार
Delhi Free Electricity Subsidy राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अब बिजली सब्सिडी को सियासी घमासान शुरू हो गई है। इसे लेकर अरविंद केजरीवाल सरकार और दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। Delhi Electricity Subsidy : ऊर्जा मंत्री आतिशी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से लगाए गए बिजली सब्सिडी रोकने की साजिश के आरोपों पर एलजी वीके सक्सेना की ओर से भी पलटवार किया गया है।
राजनिवास की ओर से शनिवार को कहा गया कि गरीबों के नाम पर बिजली कंपनियों को लाभ पहुंचाने और अनुचित वित्तीय सहायता प्रदान करने में रंगे हाथ पकड़े जाने के बाद, आप सरकार और उसके पदाधिकारी निराधार, झूठे और भ्रामक बयान देने की कोशिश कर रहे हैं। अब घोटाला उजागर हो गया है, तो वे लोगों की नज़रों में पाक साफ बनने की कोशिश कर रहे हैं।
राजनिवास के तर्क
- सब्सिडी वापस लेने के लिए एलजी ने अपने किसी पत्र में यह सुझाव तक नहीं दिया है, कहना तो दूर की बात है। उन्होंने बार-बार कहा है कि सब्सिडी निजी बिजली कंपनियों को देने के बजाय उन गरीबों को दी जाए, जो पात्र हैं।
- मुख्य सचिव ने सीएम, एलजी को रिपोर्ट सौंपी, जिसमें कहा गया कि ऊर्जा विभाग निजी बिजली कंपनियों को दी जाने वाली सब्सिडी पर डीईआरसी की वैधानिक सलाह का पालन नहीं कर रहा।
- तत्कालीन ऊर्जा मंत्री ने डीईआरसी के निर्देशों का पालन नहीं करने का फैसला किया और निजी कंपनियों को अतिरिक्त 300 करोड़ का भुगतान जारी रखा।
- तत्कालीन ऊर्जा मंत्री यह निर्णय लेने के लिए अधिकृत नहीं थी- ऐसा करने के लिए कैबिनेट ही सक्षम थी।
- एलजी ने अपने नोट में मुख्य सचिव से इस उल्लंघन को सीएम के संज्ञान में लाने और कैबिनेट से इस पर निर्णय लेने के लिए कहा है।
- ऊर्जा मंत्री एलजी के खिलाफ झूठे बयान देने के बजाय सीएम से रिपोर्ट की एक प्रति मांग सकती हैं।
- सीएम एलजी पर हमला करने के बजाय उनके पास पहले से मौजूद रिपोर्ट को देख सकते हैं। तत्कालीन ऊर्जा मंत्री द्वारा किए उल्लंघनों पर ध्यान दें, कैबिनेट बैठक से इसे सुधारें।
सफल नहीं होने देंगे बिजली सब्सिडी रोकने की ‘साजिश’: केजरीवाल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार दिल्ली में बिजली सब्सिडी रोकने की ‘साजिश’ को सफल नहीं होने देगी। उन्होंने यह भी कहा कि वह चट्टान की तरह दिल्लीवासियों के अधिकारों की रक्षा करेंगे। मुख्यमंत्री का यह बयान ऊर्जा मंत्री आतिशी द्वारा विधानसभा में यह मुद्दा उठाए जाने के एक दिन बाद आया है।
आतिशी ने शुक्रवार को सदन में आरोप लगाया था कि अधिकारी एलजी वीके सक्सेना के इशारे पर बिजली सब्सिडी योजना को रोकने की कोशिश कर रहे हैं, इस पर विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने मामले को सार्वजनिक सुविधाओं की स्थायी समिति को भेज दिया था। दिल्ली में उनकी सरकार द्वारा शुरू की गई बिजली सब्सिडी योजना को बंद करने की साजिश का आरोप लगाते हुए केजरीवाल ने शनिवार को हिंदी में ट्वीट किया, ‘फिर भी कहते हैं केजरीवाल बहुत लड़ते हैं।’
सीएम ने कहा, ‘दिल्ली में मुफ्त बिजली (योजना) को रोकने के लिए साजिश रची जा रही है, लेकिन हम साजिश सफल नहीं होने देंगे। एलजी साहब, बाद में कृपया यह मत कहिएगा कि मर्यादाएं भंग हो रही हैं।’ याद रहे कि बजट सत्र में अभिभाषण के बाद एलजी ने आप सरकार के साथ अपने संबंधों का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा था कि हाल के दिनों में ‘बोलने की मर्यादाओं’ का उल्लंघन किया गया है।
इस महीने की शुरुआत में एलजी ने मुख्य सचिव नरेश कुमार से बिजली विभाग को दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) की सलाह को कैबिनेट के समक्ष रखने और 15 दिन में निर्णय लेने का निर्देश देने के लिए कहा था। एलजी ने डीईआरसी की वैधानिक सलाह के आधार पर दिल्ली सरकार को ‘गरीब और जरूरतमंद उपभोक्ताओं’ को बिजली सब्सिडी ‘प्रतिबंधित’ करने के प्रस्ताव पर विचार करने का निर्देश दिया था। हालांकि एडवाइजरी को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था।
भ्रष्टाचार से ध्यान हटाने की कोशिश कर रही सरकारः भाजपा
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि भ्रष्टाचार से लोगों का ध्यान हटाने के लिए मुख्यमंत्री व ऊर्जा मंत्री बिजली सब्सिडी को लेकर तथ्यहीन बयानबाजी कर रहे हैं। दिल्ली सरकार सब्सिडी समाप्त करना चाहती है। इसके लिए विकल्प योजना की शुरुआत की गई है। पिछले वर्ष सितंबर तक दिल्ली सरकार प्रति माह 400 यूनिट तक बिजली खपत करने वाले सभी उपभोक्ताओं को सब्सिडी दे रही थी। उसके बाद सिर्फ इसकी मांग करने वालों को ही सब्सिडी देने की शर्त रख दी गई। इससे 25 प्रतिशत उपभोक्ताओं ने सब्सिडी छोड़ दी।