Delhi Fraud Case: दो संपत्तियों को कई बैंकों के पास रखा गिरवी, पांच करोड़ का लगाया चूना; EOW ने किया गिरफ्तार
दो संपत्तियों को कई बैंकों के पास गिरवी रख पांच करोड़ क्रेडिट लोन लेकर बैंकों को चूना लगाने वाले आरोपित अनुराग शर्मा को आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार कर लिया है। अनुराग समेत दो के खिलाफ शाहदरा थाना पुलिस ने 2020 में फर्जीवाड़ा की धारा में मुकदमा दर्ज किया था। उसने फेडरल बैंक देना बैंक और इंडिया बुल्स में संपत्तियों को गिरवी कर पांच करोड़ रुपये क्रेडिट लोन लिया था।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दो संपत्तियों को कई बैंकों के पास गिरवी रख पांच करोड़ क्रेडिट लोन लेकर बैंकों को चूना लगाने वाले आरोपित अनुराग शर्मा को आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार कर लिया है। अनुराग समेत दो के खिलाफ शाहदरा थाना पुलिस ने 2020 में फर्जीवाड़ा की धारा में मुकदमा दर्ज किया था।
कोर्ट ने दोनों को भगोड़ा अपराधी घोषित कर लिया था। उसने फेडरल बैंक, देना बैंक, इंडिया बुल्स व दिनकुर बजाज में संपत्तियों को गिरवी कर पांच करोड़ रुपये क्रेडिट लोन लिया था।
शाहदरा की है दोनों संपत्तियां
डीसीपी आर्थिक अपराध शाखा एमआई हैदर के मुताबिक, नेहरू प्लेस स्थित द फेडरल बैंक लिमिटेड के वरिष्ठ प्रबंधक ने आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत कर आरोप लगाया था कि मेसर्स सक्सेसपथ मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अनुराग शर्मा व हितेश कुमार ने पहले से गिरवी रखी संपत्तियाें को उनके बैंक में भी गिरवी रख 2.5 करोड़ क्रेडिट लोन लिया। दोनों संपत्ति शाहदरा में स्थित थी। इन्होंने ईएमआई में चूक की और उनका खाता 29 मार्च 2018 को एनपीए बन गया।
जब बैंक ने संपत्ति के कब्जे के लिए सरफेशी एक्ट के तहत कार्यवाही शुरू की, तब उन्हें पता चला कि मेसर्स देना बैंक ने उनके पास गिरवी रखी दो संपत्तियों में से एक के लिए सरफेशी एक्ट के तहत कार्रवाई शुरू की थी। इसके अलावा
जब उन्होंने अपने पास गिरवी रखी दूसरी संपत्ति पर कब्जा करने की कार्रवाई शुरू की तो दिनकुर बजाज ने दावा किया कि उन्होंने उक्त संपत्ति चार अगस्त 2017 को पंजीकृत बिक्री विलेख के माध्यम से खरीदी थी, जो शिकायतकर्ता बैंक के पास संपत्ति के बंधक है।
डिनकुर बजाज से पता चला कि उक्त संपत्ति इंडिया बुल्स के पास भी गिरवी है। शिकायत पर जांच की गई और संबंधित दस्तावेज जब्त किए गए। आरोपितों के बैंक स्टेटमेंट का विश्लेषण किया गया जिससे पता चला कि आरोपितों ने शिकायतकर्ता बैंक और अन्य बैंकों से पांच करोड़ लोन लिया है।
अनुराग शर्मा, ग्रेजुएट और एमबीए पास है। उसने ई-रिक्शा बनाने का कारोबार शुरू किया था। बाद में उसने हितेश खरबंदा के साथ साजिश रची और बैंकों को धोखा देने की योजना बनाई। आरोपितों के बारे में पता लगाना चुनौतीपूर्ण काम था क्योंकि उन्होंने बैंकों में गिरवी रखने के बाद अपना घर छोड़ दिया था और लंबे समय से अपनी गिरफ्तारी से बच रहे थे।
कुंवारा जीवन जीने के कारण वह बार-बार अपने ठिकाने बदल रहा था। एसीपी एसएम शर्मा व इंस्पेक्टर संजय कुमार सिंह के नेतृत्व में एसआइ सुरजीत, हवलदार यशपाल व सुशील कुमार की टीम ने टेक्निकल सर्विलांस की सहायता से अनुराग शर्मा को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया।
सार्वजनिक जागरूकता के लिए संदेश
बैंकों से ऋण या किसी भी प्रकार की ऋण सुविधा के लिए आवेदन करने वाले सभी लोगों की साख की मजबूत गारंटी के साथ पूरी तरह से दो बार जांच की जानी चाहिए। एक स्मार्ट नागरिक बनें और ऐसे प्रत्येक व्यक्ति के सभी विवरणों को सत्यापित करें। किसी भी व्यक्ति को कोई भी भुगतान करने से पहले दो बार सोचें।
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