यमुना का जलस्तर बढ़ने से दिल्ली वालों पर मंडराया खतरा, CM रेखा गुप्ता ने खुद संभाला मोर्चा
दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से किनारे की बस्तियों में बाढ़ का पानी घुस गया है। यमुना बाजार समेत कई इलाकों में घरों में पानी भर गया है जिससे सैकड़ों परिवार प्रभावित हुए हैं। मुख्यमंत्री ने बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा कर लोगों को मदद का आश्वासन दिया है। प्रशासन द्वारा राहत शिविर लगाए गए हैं लेकिन बिजली और पानी की समस्या बनी हुई है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। यमुना के बढ़ते जलस्तर से नदी किनारे की बस्तियों में बाढ़ का पानी घुस गया है। मध्य दिल्ली के यमुना बाजार समेत पूर्वी व दक्षिणी दिल्ली के नदी किनारे स्थित बस्तियों की गलियों और घरों में दो से तीन फीट तक पानी जमा है। प्रभावित सैकड़ों परिवारों ने अपने मकान के प्रथम तल व छत के साथ ही जिला प्रशासन द्वारा लगाई गई केनोपी में शरण ली है।
वहीं, सोमवार रात बाढ़ का पानी अचानक बस्तियों में घुसने लगा, जिसके कारण घरों में रखा काफी सामान खराब हो गया है। साथ ही बिजली आपूर्ति बंद होने तथा रह रहकर होती वर्षा से मुश्किलें और बढ़ गई है। बाढ़ में पीने के पानी और भोजन को लेकर भी दिक्कत है। वैसे, दोपहर बाद गलियों में पानी का स्तर कम होने लगा था, लेकिन आने वाले दिनों को लेकर प्रभावित लोग सशंकित हैं।
वहीं, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने खुद मोर्चा संभाल लिया और मंगलवार को यमुना बाजार स्थित बाढ़ग्रस्त बस्ती में बाढ़ के पानी में नंगे पांव उतर गईं। उन्होंने बाढ़ से परेशान परिवारों से बात की। उन्हें अपने बीच पाकर प्रभावित परिवार चकित दिखा और खुलकर अपनी समस्या रखी।
मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार उनके साथ है। उन्हें पूरी मदद मिलेगी। बाद में उन्होंने बताया कि यमुना से सटे इलाकों में बाढ़ की स्थिति नियंत्रण में है। उनके साथ बाढ़ से जुड़े विभागों के आला अधिकारी भी मौजूद थे।
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यमुना बाजार की निवासी ममता ने बताया कि दो वर्ष बाद बाढ़ का पानी घरों में घुसा है। घाट किनारे के घरों में कुछ दिन पूर्व से ही पानी आ गया था। पूरी बस्ती में सोमवार रात पानी आया। ऐसे में लोग व बच्चे स्कूल, कालेज या कामकाज पर जाने की जगह घर से पानी निकालने तथा सामान बचाने में जुटे हुए हैं। डीडीएमए भी व्यवस्था संभालने में जुटी है।
जिला प्रशासन द्वारा लगाई गई केनोपी में बिस्तर व पंखे की सुविधा है। बाढ़ के पानी के चलते छत पर परिवार समेत डेरा डाले अजय कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि रात से ही पानी भरने के साथ बिजली आपूर्ति नहीं है। इससे उन्हें दिक्कतें बढ़ गई है। बाढ़ के पानी में सांप के आने का अंदेशा है।
उधर, दक्षिणी दिल्ली के फरीदाबाद बार्डर स्थित वसंतपुर पार्ट-दो में यमुना का जलस्तर बढ़ने से घरों में पानी घुस गया है। दिक्कतों के बीच गली में कई लोग जाल डालकर बाढ़ के पानी के साथ आई मछलियों को पकड़ने की कवायद में दिखे। वहीं, मयूर विहार फेज-एक, पुराला लोहा पुल, बदरपुर खादर गांव में अस्थायी शिविर बनाए गए हैं। बदरपुर खादर में यमुना के करीब बसे घरों से करीब 10 लोगों को बोट क्लब ने रेस्क्यू किया।
खतरे के निशान से ऊपर बह रही है यमुना
दिल्ली में यमुना खतरे के निशान 205.33 से ऊपर बह रही है। मंगलवार को यमुना का जलस्तर 206 मीटर जाने की संभावना थी, लेकिन अधिक जल स्तर 205.91 मीटर ही रहा। सुबह के बाद जल स्तर घटना शुरू हो गया। रात सात बजे जल स्तर 205.65 मीटर रहा। हथनीकुंड बैराज से 33 हजार क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया।
पूर्वी जिलाधिकारी अमोल श्रीवास्तव ने बताया कि हरियाणा की तरफ से पानी छोड़ा जा रहा है, लेकिन दिल्ली वालों के लिए घबराने की कोई बात नहीं है। दिल्ली में बाढ़ का खतरा नहीं है।
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