पानी की बर्बादी रोकने के लिए पांच सितारा होटलों पर कसेगी नकेल, पढ़ें पूरी रिपोर्ट
Hotels Water Waste दिल्ली के पांच सितारा होटलों में जल प्रबंधन ठीक से नहीं हो रहा है। होटल टैंकर और बोरवेल से पानी ले रहे हैं पर एसटीपी पूरी क्षमता से काम नहीं कर रहे। डीपीसीसी ने रिपोर्ट मांगी तो पता चला कि पानी का सही इस्तेमाल नहीं हो रहा।

संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। दिल्ली के पांच सितारा होटलों में भी जल प्रबंधन सही ढंग से नहीं हो रहा है। जहां एक ओर इनमें जलापूर्ति के लिए टैंकरों और बोरवैल का सहारा लिया जा रहा है, वहीं ज्यादातर का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) अपनी पूर्ण क्षमता से काम नहीं कर रहा है।
पानी की बर्बादी रोकने के लिए दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने राजधानी के सभी पांच सितारा होटलों से वाटर मास बैलेंस शीट के जरिये जल प्रबंधन की रिपोर्ट मांगी थी। 40 होटलों ने डीपीसीसी को रिपोर्ट साझा की। इनमें से छह होटलों का डीपीसीसी की टीम ने वहां जाकर निरीक्षण किया।
तैयार रिपोर्ट के मुताबिक इन सभी 40 होटलों में पानी की कुल मांग 12,701 किलोलीटर प्रतिदिन है। पेयजल आपूर्ति के लिए 5,948 किलोलीटर पानी टैंकरों और बोरवैल के जरिये उपलब्ध होता है। 6,753 किलोलीटर वेस्ट वाटर होटलों के एसटीपी में शोधित किया जाता है।
शोधित पानी का इस्तेमाल शौचायल, बागवानी, कूलिंग एवं साफ सफाई इत्यादि में होता है। हैरत की बात यह कि जिन छह होटलों का डीपीसीसी की टीम ने निरीक्षण किया, वहां शोधित वेस्ट वाटर का शत प्रतिशत इस्तेमाल होता दर्शाया गया है। इसीलिए शुक्रवार को डीपीसीसी की 75वीं बोर्ड बैठक में जब यह रिपोर्ट रखी गई तो सदस्यों ने सवाल भी उठाए।
मसलन, एसटीपी पूर्ण क्षमता से काम क्यों नहीं कर रहे? प्रतिबंध होने के बावजूद होटलों में बोरवैल कैसे चल रहे हैं? होटलों को टैंकरों से हो रही जलापूर्ति अधिकृत है या अनाधिकृत? एसटीपी में शोधित पानी के पुन: इस्तेमाल से संबंधित आंकड़े कितने प्रमाणिक है? इत्यादि। बैठक में होटलों की रिपोर्ट का गंभीरता से आंकलन करने एवं सभी तथ्यों को भली भांति जांचने का सुझाव भी दिया गया, जिसे मान लिया गया।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि होटलों द्वारा पानी की बर्बादी को लेकर कोर्ट में भी मुददा उठ चुका है। ऐसे में इन सभी पांच सितारा होटलों को अब पानी की बर्बादी रोकनी होगी। भूजल दोहन के साथ साथ शोधित पानी का शत प्रतिशत पुन: उपयोग सुनिश्चित करना होगा। ऐसा इसलिए ताकि जल संतुलन हो सके। उक्त रिपोर्ट के आधार पर ही भविष्य में कार्रवाई की रणनीति तय की जाएगी।
जिन छह होटलों में डीपीसीसी की टीम ने स्वयं किया निरीक्षण, उनकी रिपोर्ट
1. होटल जे डब्ल्यू मेरियट, एयरोसिटी, आईजीआई
- एसटीपी की क्षमता : 410 किलोलीटर प्रतिदिन
- पानी शोधित हो रहा : 370 किलोलीटर प्रतिदिन
- शोधित पानी का पुन: उपयोग : शत प्रतिशत
2. लोधी होटल, प्रगति विहार
- एसटीपी की क्षमता : 250 किलोलीटर प्रतिदिन
- पानी शोधित हो रहा : 205 किलोलीटर प्रतिदिन
- शोधित पानी का पुन: उपयोग : शत प्रतिशत
3. होटल ओबेराय, डा जाकिर हुसैन मार्ग
- एसटीपी की क्षमता : 340 किलोलीटर प्रतिदिन
- पानी शोधित हो रहा : 156 किलोलीटर प्रतिदिन
- शोधित पानी का पुन: उपयोग : शत प्रतिशत
4. होटल हॉलिडे इन, मयूर विहार
- एसटीपी की क्षमता : 280 किलोलीटर प्रतिदिन
- पानी शोधित हो रहा : 105 किलोलीटर प्रतिदिन
- शोधित पानी का पुन: उपयोग : शत प्रतिशत
5. होटल विवांता, सेक्टर 21, द्वारका
- एसटीपी की क्षमता : 320 किलोलीटर प्रतिदिन
- पानी शोधित हो रहा : 130 किलोलीटर प्रतिदिन
- शोधित पानी का पुन: उपयोग : शत प्रतिशत
6. होटल क्राउन प्लाजा, ओखला
- एसटीपी की क्षमता : 280 किलोलीटर प्रतिदिन
- पानी शोधित हो रहा : 90 किलोलीटर प्रतिदिन
- शोधित पानी का पुन: उपयोग : शत प्रतिशत
पांच सितारा होटलों में पानी की बर्बादी का मुददा कई बार उठ चुका है। इसलिए इस दिशा में गंभीरता से पूरी स्थिति का आकलन करने और होटलों की रिपोर्ट को भी अच्छे से जांचने की जरूरत है। बोर्ड बैठक में उठाए गए सवालों का उचित जवाब भी सामने आना चाहिए।
- डॉ अनिल गुप्ता, सदस्य, डीपीसीसी
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