Delhi: सिनेमाघरों में आग से बचाव को बरती जा रही है लापवाही, विभाग के नोटिस पर भी नहीं दिखाते गंभीरता
दिल्ली में सिनेमाघरों और मल्टीप्लेक्स में आग से बचाव को लेकर लापरवाही बरती जा रही है। सूत्रों का कहना है कि अधिकतर सिनेमाघरों और मल्टीप्लेक्स में फायर संबंधी NOC तो है लेकिन आग से बचाव के उपकरणों की देखभाल ठीक तरीके से नहीं की जा रही है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राजधानी के सिनेमाघरों और मल्टीप्लेक्स में आग से बचाव को लेकर लापरवाही बरती जा रही है। दिल्ली अग्निशमन विभाग के सूत्रों का कहना है कि अधिकतर सिनेमाघरों और मल्टीप्लेक्स में फायर संबंधी पूर्व में जारी की गई एनओसी तो है, लेकिन आग से बचाव के उपकरणों की देखभाल ठीक तरीके से नहीं की जा रही है।
कई बार दमकल विभाग की ओर से नोटिस जारी कर उपकरणों को ठीक कराने के लिए कहा जाता है, लेकिन उसपर गंभीरता नहीं दिखाई जाती है। फायर एनओसी तीन वर्ष के लिए जारी की जाती है। अवधि पूरी होने के बाद उसे रिन्यू कराने में भी लापरवाही जाती है।
दमकल कर्मी के सुझाव पर नहीं होता अमल
वहीं, जब रिन्यू के लिए आवेदन आता तो उसपर दमकल कर्मी निरीक्षण करने जाते हैं। सिनेमाघरों और मल्टीप्लेक्स प्रबंधकों को कुछ सुझाव दिए जाते हैं उसपर भी गंभीरता नहीं दिखाई जाती है। दिल्ली अग्निशमन विभाग के निदेशक अतुल गर्ग का कहना है कि सिनेमाघरों और मल्टीप्लेक्स में आग से बचाव के साधन आदि को लेकर सर्वेक्षण किया जाएगा।
फन सिनेमा घर में लगी आग
गौरतलब है कि पश्चिमी दिल्ली में मोतीनगर स्थित फन सिनेमा में आग लगने की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। गनीमत रही कि आग प्रोजेक्टर रूम तक ही सीमित रही और सिनेमा देख रहे सभी 67 लोगों को सुरक्षित निकालकर आग बुझा ली गई। हालांकि, आग की इस घटना ने राजधानी में 1997 में उपहार सिनेमा हाल अग्निकांड की याद जरूर ताजा कर दी, जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी। फन सिनेमा में प्रोजेक्टर रूम के इलेक्ट्रिक पैनल में आग लगने की यह घटना रविवार दोपहर की है। गनीमत रही कि सूचना पर कुछ ही समय में दमकल की सात गाड़ियां पहुंच गईं और चंद मिनटों में ही आग बुझा ली गई।
गर्मी के दिनों में आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। ऐसे में सिनेमाघरों को भी आग से सुरक्षित रखने के सभी प्रबंध किए जाने चाहिए। फन सिनेमाघर के कर्मचारियों ने जिस सूझबूझ का परिचय दिया, उसकी सराहना की जानी चाहिए। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि राजधानी के अन्य सिनेमाघरों के कर्मचारियों को आग लगने की स्थिति से निपटने के लिए तय नियमों के तहत प्रशिक्षित किया जाए।
अग्निशमन विभाग को इस घटना के आलोक में सभी सिनेमाघरों में आग से सुरक्षा के उपायों की पड़ताल करनी चाहिए और जहां भी कमी पाई जाए, उसे दुरुस्त कराना चाहिए। ऐसे मनोरंजन स्थल, जहां बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहते हैं, वहां आग से सुरक्षा के पुख्ता उपाय सुनिश्चित करवाना अग्निशमन विभाग का दायित्व है और उसे यह दायित्व पूरी गंभीरता से निभाना चाहिए।