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    7 साल से निदेशक पद पर रहे, रिटायरमेंट से 3 माह पहले अतुल गर्ग का ट्रांसफर; जस्टिस वर्मा केस से आए थे विवादों में

    Updated: Wed, 16 Jul 2025 07:29 AM (IST)

    दिल्ली अग्निशमन विभाग के निदेशक अतुल गर्ग जो जज के घर आग लगने के मामले से चर्चा में आए थे का तबादला कर दिया गया है। सेवानिवृत्ति से तीन महीने पहले हुए इस ट्रांसफर के साथ ही निदेशक का पद खत्म कर प्रधान निदेशक की नियुक्ति की गई है। जस्टिस वर्मा प्रकरण और राव कोचिंग सेंटर में आग लगने की घटना के बाद यह निर्णय लिया गया है।

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    जस्टिस वर्मा प्रकरण में विवादों में आए थे अग्निशमन विभाग के निदेशक अतुल गर्ग

    राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। राजधानी में ट्रिपल ईंजन की सरकार बनने के बाद धीरे-धीरे सभी चीजों को दुरुस्त किया जा रहा है। राजेंद्र नगर स्थित राव आइएएस कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में वर्षा का पानी भर जाने से तीन छात्रों की मौत और हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास में स्टोर रूम में आग लगने से बेहिसाब जले नोट मिलने आदि कई मामलों को लेकर विवादों में आए दिल्ली अग्निशमन विभाग के निदेशक अतुल गर्ग का सोमवार को तबादला कर दिया गया।

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    उन्हें रोहिणी स्थित फायर सेफ्टी मैनेजमेंट एकेडमी के निदेशक की जिम्मेदारी सौंपी गई है। अतुल गर्ग को हटाने के साथ ही दिल्ली अग्निशमन विभाग में निदेशक का पद भी खत्म कर दिया गया। अब नए फायर चीफ के तौर आइएएस ए. नेदुंचेझियान को प्रधान निदेशक बनाया गया है।

    निदेशक का पद खत्म कर प्रधान निदेशक की तैनाती

    पहली बार दिल्ली अग्निशमन विभाग में निदेशक के बजाय प्रधान निदेशक की तैनाती की गई है। उन्होंने सोमवार को ही पदभार ग्रहण कर लिया। इससे पहले ए. नेदुंचेझियान पुद्दुचेरी में तैनात थे।

    जानकारी के मुताबिक आमतौर पर दिल्ली अग्निशमन विभाग में निदेशक के पद पर दो से तीन साल ही किसी अधिकारी की तैनाती होती थी, लेकिन पहली बार अतुल गर्ग करीब सात साल तक अग्निशमन विभाग में निदेशक के पद पर तैनात रहे।

    तीन माह बाद उनकी सेवानिवृत्ति थी, लेकिन इससे पहले उन्हें हटा देने से अग्निशमन विभाग के अधिकारियों में चर्चाओं का बाजार गर्म है। जस्टिस वर्मा और राव कोचिंग सेंटर प्रकरण में फायर निदेशक का विवादित बयान सामने आया था। कहा जा रहा है कि बीते वर्षों में फायर एनओसी देने के मामले में नियम कानून को ताक पर रखकर काम किया गया। विभाग में भ्रष्टाचार भी पनपा।

    आग लगने की अधिकतर घटना जिनमें जानमाल का भारी नुकसान हुआ। इनमें फायर एनओसी न होने, अग्निशमन विभाग के कर्मियों द्वारा जांच न करने जैसी कई लापरवाही बरते जाने की बात सामने आई। हर जिम्मेदारी से अग्निशमन विभाग पल्ला झाड़ता रहा।

    अब नए चीफ की तैनाती से राजधानी में फायर एनओसी देने के मामले में सालों से बरती जा रही घोर लापरवाही और भ्रष्टाचार के मामले को दुरुस्त किया जाएगा। चर्चा है कि आने वाले समय में अग्निशमन विभाग में बड़े स्तर पर तबादले हो सकते हैं।