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    Delhi: महिला सिपाही की हत्या, नाले में कंकाल... और एक कॉलगर्ल, कैसे दो साल तक आरोपी हवलदार ने छिपाए रखा ये राज

    वर्ष 2018 में पीसीआर यूनिट में नौकरी के दौरान सुरेंद्र और मोनिका की मुलाकात हुई थी। दोस्ती हुई और फिर प्रेम करने लगे। हवलदार ने मोनिका से अविवाहित होने का झूठ बोला था। हवलदार ने शादी करने के लिए मोनिका पर दवाब बना रहा था लेकिन वह राजी नहीं थी। जिस पर हवलदार ने सितंबर 2021 में मोनिका को अगवा करने के बाद उसकी हत्या कर दी।

    By Rakesh Kumar SinghEdited By: GeetarjunUpdated: Mon, 02 Oct 2023 09:12 AM (IST)
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    हवलदार ने अपनी पूर्व सहकर्मी की हत्या कर शव को नाले में फेंका था।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की पूर्व महिला सिपाही की हत्या का दो वर्ष बाद दिल्ली पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। उसकी हत्या उसके दोस्त हवलदार सुरेंद्र सिंह ने की थी। आरोपी युवती के शव को नाले में फेंक दिया था और उससे ऊपर पत्थर बांध दिया था। जिससे शव नाले के अंदर ही पड़ा रहे।

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    अब पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद उसकी निशानदेही पर नाले से कंकाल बरामद किया है। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी दो वर्ष तक पुलिस, परिजनों को गुमराह करता रहा और उसने इतने समय तक हत्या का राज छिपाए रखा था। आरोपी ने राज छिपाए रखने के लिए एक कॉलगर्ल की भी मदद ली थी।

    गुमराह करने में नहीं छोड़ी कई कसर

    महिला सिपाही मोनिका की हत्या के बाद हवलदार सुरेंद्र सिंह ने अपने बहनोई रविन के जरिए मोनिका के स्वजन को गुमराह करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। पकड़े जाने से पहले दो साल तक हवलदार अपने बहनोई रविन के जरिए मोनिका के स्वजन को बुलंदशहर फोन करवाता था।

    परिजनों को वह अलग-अलग बात बता कर यह दिलासा देता रहा कि मोनिका अपनी मर्जी से घर से लापता हो गई है और वह अपने एक पुरुष मित्र के साथ खुशी खुशी से रह रही है। उसे ढूंढने की जरूरत नहीं है। यहां तक कि सुरेंद्र, मोनिका केस की तफ्तीश के बारे में पता करने के लिए गाहे बगाहे मोनिका के स्वजन को साथ लेकर या अकेले मुखर्जी नगर थाने जाता रहा, ताकि पुलिस उस पर शक न करे।

    कॉलगर्ल के साथ गया था घूमने

    सुरेंद्र पिछले वर्ष एक कॉलगर्ल के साथ देहरादून, ऋषिकेश और मसूरी गया था। वहां वह अलग-अलग होटलों में ठहरा था। होटलों से निकलने पर उसने मोनिका के कुछ दस्तावेज होटलों में छोड़ दिया था। जिससे होटलों से मोनिका के स्वजन को फोन कर बताया गया कि वहां मोनिका ने कुछ दस्तावेज छोड़ दिया है।

    स्वजन की सूचना पर पुलिस जब होटलों में पहुंची, तब उन्हें बताया गया कि मोनिका वहां ठहरने आई थी। इससे पुलिस भी यह मानने लगी थी कि मोनिका अपने माता-पिता के पास नहीं जाना चाहती है।

    2018 में हुई थी दोनों की मुलाकात

    वर्ष 2018 में पीसीआर यूनिट में नौकरी के दौरान सुरेंद्र और मोनिका की मुलाकात हुई थी। दोस्ती हुई और फिर प्रेम करने लगे। हवलदार ने मोनिका से अविवाहित होने का झूठ बोला था। हवलदार ने शादी करने के लिए मोनिका पर दवाब बना रहा था, लेकिन वह राजी नहीं थी। जिस पर हवलदार ने सितंबर 2021 में मोनिका को अगवा करने के बाद उसकी हत्या कर दी। उसके शव में पत्थर बांधकर बुराड़ी पुश्ता के पास नाले में डुबा दिया गया।

    मोनिका का चयन 2020 में यूपी पुलिस के सब-इंस्पेक्टर के लिए हो गया था, जिसके बाद उसने दिल्ली पुलिस से इस्तीफा दे दिया था। इसके साथ ही मुखर्जी नगर स्थित एक पीजी में रहकर सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी भी कर रही थी।

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    पीसीआर यूनिट में है तैनाती

    विशेष आयुक्त क्राइम ब्रांच रवींद्र सिंह यादव के मुताबिक गिरफ्तार हवलदार सुरेंद्र सिंह अलीपुर का रहने वाला है। वर्तमान में उसकी तैनाती पीसीआर यूनिट में है। वर्ष 2012 में वह बतौर ड्राइवर दिल्ली पुलिस में भर्ती हुआ था। उसका बहनोई रविन झज्जर का रहने वाला है। उसने एमडीयू रोहतक से बीकॉम किया है। सिम कार्ड उपलब्ध कराने वाला राजपाल भी झज्जर का रहने वाला है।

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