दिल्ली के OBC आयोग के पूर्व चेयरमैन से लाखों की ठगी, दूध के चक्कर में कैसे फंस गए भूपेंद्र सिंह?
पूर्वी दिल्ली के भजनपुरा इलाके में दिल्ली ओबीसी आयोग के पूर्व चेयरमैन भूपेंद्र सिंह मावी से दस लाख की ठगी का मामला सामने आया है। दूध की जरूरत होने पर उन्होंने गुजरात की एक कंपनी से संपर्क किया था जहाँ उन्हें राकेश कुमार नामक मैनेजर का नंबर मिला। राकेश ने जीएसटी नंबर और चेक की फोटो भेजकर विश्वास जीता और 10 लाख रुपये एडवांस लिए।

जागरण संवाददाता, पूर्वी दिल्ली। पूर्वी दिल्ली में भजनपुरा इलाके में दिल्ली के ओबीसी आयोग के पूर्व चेयरमैन के साथ दस लाख की ठगी का मामला सामने आया है। पीड़ित भूपेंद्र सिंह मावी की शिकायत पर भजनपुरा थाना पुलिस ने बीती पांच अक्टूबर को ठगी का केस दर्ज किया है। पीड़ित पूर्व की आम आदमी पार्टी की सरकार में 2018 में आयोग के चेयरमैन थे।
भूपेंद्र सिंह यमुना विहार में रहते हैं। उनका सुंदर मिल्क प्रोडक्ट के नाम से कारोबार है। शिकायत में पीड़ित ने बताया कि उन्हें दूध की जरूरत थी। इसलिए उन्होंने गुजरात की एक दूध कंपनी से संपर्क किया तो उन्हें कंपनी के मैनेजर राकेश कुमार का नंबर मिला। फोन पर ही दूध के रेट तय किए गए।
आरोपित ने पीड़ित का भरोसा जीतने के लिए कंपनी का जीएसटी नंबर व एक चेक की फोटो भेजी और एडवांस के रूप में दस लाख रुपये मांगे। पीड़ित ने बैंक के जरिये आरोपित द्वारा उपलब्ध कराए गए बैंक खाते में गत 30 जून को दस लाख रुपये भेज दिए।
साइवर ठगों ने वाट्सएप पर मैसेज भेज ठग लिए 65 हजार
दक्षिणी दिल्ली में साइबर ठगों ने एक व्यक्ति के वाट्सएप पर उनके दोस्त के मोबाइल नंबर से मैसेज भेजकर 65 हजार रुपये ठग लिए। पीड़ित ने जब शाम को अपनी दोस्त को काल कर पैसे मिलने के बारे में पूछा, तो पीड़ित को अपने साथ हुई ठगी का पता चला।
पीड़ित ने इसकी शिकायत नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर की। ग्रेटर कैलाश एक निवासी संदेश जाजू ने दक्षिण जिले के साइबर थाना पुलिस को बताया 16
जुलाई को उनके वाट्सएप पर उनकी दोस्त डा. रितु के नंबर से मैसेज आया कि उन्हें 65 हजार रुपये की सख्त जरूरत है। उस मैसेज के साथ एक नंबर भी दिया गया था, जिस पर उन्होंने रुपये भेजने के लिए लिखा था।
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उन्होंने दोस्त को काल कर पता करना चाहा, तो उन्हें दोबारा मैसेज मिला, इमरजेंसी है जल्दी भेज दो। उन्होंने उस खाते में रुपये ट्रांसफर कर दिए। शाम को उन्होंने डा. रितु को काल की तो उन्हें ठगी का पता चला।
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