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EV Charging Point: दिल्ली में बढ़ रही इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या, 2025 तक 18 हजार चार्जिंग प्वाइंट लगेंगे

दिल्ली सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर बढ़ा दिया है। सरकार ने इसके लिए कार्य योजना तैयार की है। इसके तहत 2025 तक 18000 चार्जिंग प्वाइंट बनाने का लक्ष्य तय किया गया है।

By V K ShuklaEdited By: GeetarjunPublished: Sun, 14 May 2023 11:57 PM (IST)Updated: Sun, 14 May 2023 11:57 PM (IST)
EV Charging Point: दिल्ली में बढ़ रही इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या, 2025 तक 18 हजार चार्जिंग प्वाइंट लगेंगे
दिल्ली में बढ़ रही इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या, 2025 तक 18 हजार चार्जिंग प्वाइंट लगेंगे

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दिल्ली सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर बढ़ा दिया है। सरकार ने इसके लिए कार्य योजना तैयार की है। इसके तहत 2025 तक 18000 चार्जिंग प्वाइंट बनाने का लक्ष्य तय किया गया है।

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इसके पीछे सरकार का मकसद ईवी चलाने वाले लोगों की परेशानी को दूर करना है। जैसे-जैसे दिल्ली में ईवी बढ़ रहे हैं, इसी तरह ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर भी बढ़ाया जा रहा है। इसके लिए हर जिले में जिलाधिकारी की निगरानी में टीमें बनाई गई हैं। टीमें चार्जिंग प्वाइंट लगाने वाले स्थानों को चिन्हित कर रही हैं।

परिवहन विभाग के ईवी सेल के अनुसार, अभी 4002 चार्जिंग प्वाइंट हैं और तीन साल के अंदर 13,800 और चार्जिंग प्वाइंट तैयार हो जाएंगे। ईवी नीति का लक्ष्य राजधानी की वायु गुणवत्ता में सुधार करना है। परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 2024 तक नए वाहनों की बिक्री में 25 प्रतिशत ईवी वाहनों के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए व्यापक चार्जिंग नेटवर्क का होना जरूरी है।

जब ईवी नीति को अगस्त 2020 में अधिसूचित किया गया था, तब नए वाहन पंजीकरण में ईवी की हिस्सेदारी 1.2 प्रतिशत थी। इसके बाद अगस्त से दिसंबर 2020 तक इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी 2.6 प्रतिशत, 2021 में 5.6 प्रतिशत, 2022 में 10.2 प्रतिशत और 2023 की पहली तिमाही में 11.6 प्रतिशत तक बढ़ गई है।

इस दौरान 1,17,000 इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीकरण किया गया है, जिसमें 47 प्रतिशत दो पहिया वाहन हैं। ऐसे में हर तीन किलोमीटर पर एक चार्जिंग स्टेशन की तैयारी की जा रही है। वहीं, 100 ईवी चार्जिंग स्टेशन जुलाई तक शुरू हो जाएंगे। सरकार द्वारा स्थापित किए जा रहे सभी चार्जिंग स्टेशन पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) माडल पर आधारित तैयार किए जा रहे हैं।

इसके लिए पिछले साल सरकार ने इस क्षेत्र में देश का सबसे बड़ा टेंडर किया था। सरकार के ईवी चार्जिंग स्टेशनों पर वाहनों को चार्ज करने में आने वाली लागत को कम रखा गया है। इन चार्जिंग स्टेशन पर प्रति यूनिट चार्जिंग की लागत तीन रुपये से भी कम है।


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