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    दिल्ली में क्यों बढ़ रही है बिजली की खपत? अगले वर्ष 8000 मेगावाट के पार जा सकती है डिमांड; जानिए इसकी वजह

    Delhi Electricity Demand राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लगातार बिजली की खपत में इजाफा हो रहा है। एक अनुमान के मुताबिक अगले वर्ष में इसमें सात सौ मेगावाट से ज्यादा वृद्धि हो सकती है। बिजली वितरण कंपनियों (डिस्काम) को इसी के अनुरूप व्यवस्था करनी होगी। बताया जा रहा है कि उपभोक्ताओं की बढ़ रही संख्या और मौसम के कारण बिजली की मांग बढ़ रही है।

    By Santosh Kumar SinghEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Tue, 03 Oct 2023 12:58 PM (IST)
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    दिल्ली में लगातार क्यों बढ़ रही है बिजली की खपत?

    राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली में बिजली की खपत (Delhi Electricity Demand) प्रत्येक वर्ष बढ़ रही है। इस बार जून में ही मांग सात हजार मेगावाट से ऊपर पहुंच गई थी। सितंबर में भी अधिकतम मांग सात हजार के करीब थी। इस बार अधिकतम मांग 7438 मेगावाट तक पहुंची थी।

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    केंद्रीय ऊर्जा प्राधिकरण के अनुमान के अनुसार अगले वर्ष में इसमें सात सौ मेगावाट से ज्यादा वृद्धि हो सकती है। बिजली वितरण कंपनियों (डिस्काम) को इसी के अनुरूप व्यवस्था करनी होगी।

    केंद्रीय ऊर्जा प्राधिकरण ने पूर्वानुमान किया जारी

    बिजली अधिकारियों का कहना है कि उपभोक्ताओं की बढ़ रही संख्या और मौसम के कारण बिजली की खपत भी बढ़ रही है। इसी के आधार पर केंद्रीय ऊर्जा प्राधिकरण ने पूर्वानुमान जारी किया है।

    इस वर्ष जून, जुलाई और अगस्त में अधिकतम मांग सात हजार मेगावाट से ऊपर गई थी, लेकिन अगले वर्ष मई से सितंबर तक इससे ज्यादा मांग रहेगी। अगस्त व सितंबर में यह आंकड़ा आठ हजार मेगावाट के पार पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।

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    दिल्ली के संयंत्रों से अमूमन एक हजार मेगावाट के आसपास बिजली का उत्पादन होता है। तीन सौ मेगावाट के करीब नवीकरणीय ऊर्जा भी दिल्ली के पास है। शेष बिजली के लिे उसे दूसरे राज्यों पर निर्भर रहना पड़ता है।

    अगले वर्ष का पूर्वानुमानः-

    माह- संभावित अधिकतम मांग (मेगावाट)

    अप्रैल- 6324

    मई- 7344

    जून- 8109

    जुलाई-8160

    अगस्त-7475

    सितंबर-7423

    अक्टूबर-5661

    नवंबर-4080

    दिसंबर-5508

    बिजली मांग से संबंधित तथ्य-

    • इस वर्ष पहली बार 13 जून को पहली बार अधिकतम सात हजार मेगावाट के पार 7098 मेगावाट पहुंची थी।
    • वर्ष 2018 में पहली बार मांग सात हजार के पार 7016 मेगावाट पहुंची थी।
    • पिछले दस वर्षों में दिल्ली में उपभोक्ताओं की संख्या में 22.92 लाख की वृद्धि हुई है।
    • वर्ष 2011 -12 में 43.01 लाख की तुलना में वर्ष 2022 -23 में उपभोक्ताओं की संख्या बढ़कर 66 लाख से ज्यादा हो गई है।

    पिछले वर्षों में अधिकतम मांगः-

    वर्ष मांग
    2023 7438 मेगावाट
    2022 7438 मेगावाट
    2021 7323 मेगावाट
    2020 6314 मेगावाट
    2019 7409 मेगावाट
    2011 5028 मेगावाट

    बिजली उपभोक्ताओं की हिस्सेदारी

    घरेलू उपभोक्ता 83.49 प्रतिशत
    व्यवसायिक उपभोक्ता 14.87 प्रतिशत
    औद्योगिक उपभोक्ता 0.65 प्रतिशत
    पीडब्ल्यूडी और स्ट्रीट लाइट 0.49 प्रतिशत
    अन्य

    दिल्ली में स्थित संयंत्रों की क्षमता

    इंद्रप्रस्थ पावर जनरेशन लिमिटेड (आइपीजीसीएल) का संयंत्र

    गैस टरबाइन पावर स्टेशन- 90 मेगावाट

    प्रगति पावर कारपोरेशन लिमिटेड (पीपीसीएल) के संयंत्र

    प्रगति-1 पावर स्टेशन- 330 मेगावाट

    प्रगति- 3 पावर स्टेशन बवाना- 1371.2 मेगावाट

    इन संयंत्रों को पर्याप्त मात्रा में सस्ती गैस उपलब्ध नहीं हो रही है।

    दिल्ली में तीन सौ मेगावाट से ज्यादा नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन

    सौर ऊर्जा- 244 मेगावाट

    कचरे से ऊर्चा-80 मेगावाट