Delhi Election 2025: उत्तर-पूर्वी दिल्ली की 10 सीटों पर कौन मारेगा बाजी? AAP, BJP और कांग्रेस में है कांटे का मुकाबला
Delhi Election 2025 के लिए पांच फरवरी को मतदान और आठ फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे। उत्तर पूर्वी लोकसभा क्षेत्र की 10 विधानसभा सीटों पर टिकट बंटवारे की रणनीति से चुनाव दिलचस्प हो गया है। चुनौती भरी डगर के चलते सभी दलों के प्रत्याशियों की दिल की धड़कनें तेज हो गई हैं। कांटे के मुकाबले में चुनाव निकाल पाना हर दल के लिए चुनौती है।

आशीष गुप्ता, पूर्वी दिल्ली। उत्तर-पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र की सभी विधानसभा सीटों पर चुनावी घमासान होगा। हर सीट प्रत्याशियों के लिए चुनौती भरी रहेगी। टिकट बंटवारे में पार्टियों की रणनीति ने मुकाबले को कांटे का बना दिया है। आप के प्रत्याशी सभी सीटों पर मैदान में उतर कर जोर आजमाइश कर रहे हैं।
वहीं भाजपा ने सात ही सीटों पर टिकट की घोषणा की है, जबकि कांग्रेस ने छह सीटों पर अपने पत्ते खोले हैं। उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में करावल नगर, मुस्तफाबाद, घोंडा, सीमापुरी, सीलमपुर, रोहतास नगर, गोकलपुर, बुराड़ी, बाबरपुर, तिमारपुर विधानसभा सीटें आती हैं।
करावल नगर सीट
करावल नगर सीट पर भाजपा ने मौजूदा विधायक मोहन सिंह बिष्ट की जगह कपिल मिश्रा को प्रत्याशी बनाया है। इसे लेकर बिष्ट नाराज बताए जा रहे हैं। कपिल पहले आप में थे।
वह वर्ष 2015 में आप की टिकट पर चुनाव लड़कर करावल नगर से विधायक बने और केजरीवाल सरकार में मंत्री भी रहे, लेकिन 2019 में कपिल ने आप का साथ छोड़कर भाजपा से रिश्ता जोड़ लिया था। यहां से कांग्रेस ने पीके मिश्रा को मैदान में उतारा है। इनके लिए यह नया अनुभव है।
सीमापुरी विधानसभा सीट
आप के राजनीतिक सफर के आगाज बिंदु माने जाने वाली सीमापुरी सीट पर आप ने पूर्व विधायक वीर सिंह धींगान को आगे किया है। यह आरक्षित सीट है। धींगान ने हाल में ‘हाथ’ का साथ छोड़ कर ‘झाड़ू’ को अपनाया है।
वह कांग्रेस में रहते हुए वर्ष 1998, 2003 और 2008 में लगातार तीन बार विधायक बने हैं। उनका लंबा अनुभव है। वहीं भाजपा से पूर्व पार्षद रिंकू कुमारी मैदान में हैं। इन्हें कांग्रेस से भाजपा में आए दो वर्ष हो गए।
वह भाजपा की टिकट पर 2022 में निगम का चुनाव लड़ी थीं, जिसमें उन्हें सफलता हाथ नहीं लगी थी। कांग्रेस ने पूर्व विधायक राजेश लिलोठिया को टक्कर के लिए उतारा है। लिलोठिया पटेल नगर से विधायक रहे हैं। वह आल इंडिया कांग्रेस कमेटी के एससी-एसटी विभाग के अध्यक्ष हैं।
ये विस सीटें उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा का हिस्सा
- करावल नगर
- मुस्तफाबाद
- घोंडा
- सीमापुरी
- सीलमपुर
- रोहतास नगर
- गोकलपुर
- बुराड़ी
- बाबरपुर
- तिमारपुर
अभी तक आप-भाजपा, कांग्रेस ने घोषित नहीं किए टिकट
घोंडा में भाजपा के मौजूदा विधायक अजय महावर ही प्रत्याशी बनाए गए हैं। इस क्षेत्र के समीकरणों की नब्ज पर इनकी पकड़ है। 2020 में महावर ने आप के श्रीदत्त शर्मा को 28 हजार से अधिक मतों से पटखनी दी थी। इस बार आप ने इनके सामने गौरव शर्मा को उतारा है। गौरव की पत्नी छाया शर्मा घोंडा वार्ड से पार्षद है। क्षेत्र में इनकी पकड़ भी कम नहीं है।
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कांग्रेस ने यहां से कोई प्रत्याशी अभी नहीं उतारा है। इसी तरह रोहतास नगर सीट पर मौजूदा विधायक जितेंद्र महाजन पर भाजपा ने चुनावी अखाड़े में दांव खेला है। उनके सामने आप की सरिता सिंह हैं, जो वर्ष 2015 में जितेंद्र को मात देकर यहां से विधायक रह चुकी हैं।
वर्ष 2020 में भी दोनों का आमना-सामना हुआ था, तब जितेंद्र ने 13 हजार से अधिक मतों से बाजी मारी थी। कांग्रेस ने अभी तक मुकाबले के लिए किसी खिलाड़ी को नहीं उतारा है। वहीं तिमारपुर सीट से भाजपा ने सूर्य प्रकाश खत्री को उतारा है, जबकि आप ने सुरेंद्र पाल सिंह बिट्टू को टिकट दिया है। कांग्रेस ने अभी पत्ते नहीं खोले हैं।
बाबरपुर, बुराड़ी, गोकलपुर सीट पर भाजपा ने नहीं खोले पत्ते
बाबरपुर सीट पर आप ने कैबिनेट मंत्री एवं मौजूदा विधायक गोपाल राय को बरकरार रखा है। वह दो बार से लगातार सीट पर काबिज हैं। गोपाल राय आप के प्रदेश संयोजक भी हैं। उनके सामने कांग्रेस से पूर्व विधायक हाजी इशराक खान हैं, जो पहले आप में थे। वह आप की टिकट पर 2015 में सीलमपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। भाजपा ने प्रत्याशी को लेकर अभी पत्ते नहीं खोले हैं।
इसी तरह बुराड़ी से दो बार के विधायक संजीव झा को आप ने मैदान में बरकरार रखा है। कांग्रेस ने मंगेश त्यागी को चुनावी रण में उतारा है। भाजपा ने यहां से टिकट घोषित नहीं किया है। आरक्षित गोकलपुर सीट पर आप ने सबसे पहले अपने प्रत्याशी की घोषणा की।
उन्होंने वर्तमान विधायक चौधरी सुरेंद्र कुमार पर फिर से भरोसा जाताया। पिछले चुनाव में सुरेंद्र को 53.22 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि उनके प्रतिद्वंदी भाजपा उम्मीदवार 41.5 प्रतिशत वोट ही ले पाए थे। कांग्रेस से प्रमोद कुमार जयंत इस सीट पर मैदान में हैं। भाजपा ने इस सीट पर प्रत्याशी को लेकर पत्ते नहीं खोले हैं।
मुस्तफाबाद सीट
मुस्तफाबाद सीट पर दिल्ली दंगे के आरोपित ताहिर हुसैन को एआइएमआइएम ने टिकट देकर ध्रुवीकरण करने का प्रयास किया है। ताहिर जेल में बंद है, लेकिन उसके लिए असदुद्दीन ओवैसी प्रचार कर चुके हैं। आप ने मौजूदा विधायक हाजी यूनुस की जगह यहां से आदिल अहमद खान को उतारा है।
आदिल आजादपुर फल एवं सब्जी मंडी के चेयरमैन रह चुके हैं। राजनीति में आने से पहले वह पत्रकार थे। भाजपा ने यहां से करावल नगर के मौजूदा विधायक मोहन सिंह बिष्ट को टिकट दिया है, क्योंकि वर्ष 2008 से पहले मुस्तफाबाद करावल नगर का हिस्सा था। उस समय बिष्ट की यहां पकड़ थी। कांग्रेस ने यहां से पूर्व विधायक हसन अहमद के बेटे अली मेहदी को मैदान में उतारा है। अली मेहदी दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष हैं।
सीलमपुर सीट
सीलमपुर सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं। आप ने कांग्रेस से आए पूर्व पार्षद जुबैर अहमद को टिकट दिया है। जुबैर मार्च 2021 में हुए निगम के उप चुनाव में जीतकर पार्षद बने थे। राजनीति से उनका गहरा नाता रहा है। उनकी पत्नी शगुफ्ता चौधरी चौहान बांगर वार्ड से मौजूदा पार्षद हैं।
वहीं पिता मतीन अहमद इस सीट से पांच बार विधायक रहे हैं। यहां से मौजूदा विधायक अब्दुल रहमान कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। उनका खुद का अपना वजूद है। विधायक से पहले वह पार्षद थे। भाजपा ने यहां से मौजपुर के पार्षद अनिल गौड़ को चुनावी दंगल में उतारा है।
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