Delhi Election 2025: अपनों के बगावती तेवर से BJP की बढ़ी मुश्किलें, तुगलकाबाद सीट पर दिलचस्प हुआ मुकाबला
Delhi Election 2025 में तुगलकाबाद विधानसभा सीट पर भाजपा ने नई रणनीति के साथ मैदान में उतरने की कोशिश की है लेकिन टिकट वितरण से नाराज पुराने कार्यकर्ताओं और बागी नेताओं के कारण पार्टी की अंदरूनी लड़ाई सामने आ गई है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भी इस सीट पर जीत के लिए बेताब हैं। इस बार का चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है।

जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। तुगलकाबाद विधानसभा सीट पर पिछले दो बार से पिछड़ रही भाजपा इस बार नई रणनीति के साथ मैदान में है। मोहरे बदलने के साथ जातिगत समीकरण के हिसाब से प्रत्याशी उतारा, लेकिन नई रणनीति में भाजपा अपनों के बीच उलझ गई है। टिकट वितरण से भी पुराने कार्यकर्ताओं में नाराजगी देखने को मिली है।
दो विधानसभा चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे विक्रम बिधूड़ी के समर्थक बगावती तेवर अपनाएं हुए है। उनकी नाराजगी भाजपा के लिए परेशानी का सबब बन सकती है। दरअसल, भाजपा ने दो बार चुनाव लड़कर दूसरे नंबर पर विक्रम बिधूड़ी का टिकट काटकर रोहताश बिधूड़ी को मैदान में उतारा है। विक्रम समर्थक रोहताश के चुनाव प्रचार से कन्नी काटे हुए हैं।
कांग्रेसी खेमे में पहुंचे वीरेंद्र बिधूड़ी
दक्षिणी दिल्ली से भाजपा सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी के भाई वीरेंद्र बिधूड़ी टिकट न मिलने पर बगावत कर न सिर्फ कांग्रेसी खेमे में जा पहुंचे, बल्कि उनके टिकट पर ताल भी ठोंक रहे हैं। वीरेंद्र पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में अपने भाई की ओर से चुनाव प्रचार करते नजर आए थे। तब वे क्षेत्र की जनता से भाजपा के पक्ष में वोट मांग रहे थे।
अंदरूनी लड़ाई से उलझी सीट
बदले परिदृश्य में सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी के कुछ समर्थक खामोशी के साथ प्रचार में वीरेंद्र बिधूड़ी का सहयोग करते नजर आ रहे हैं। हालांकि, भाजपा सांसद बिधूड़ी उन्हें रोकने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं।
वह पार्टी में अपने अस्तित्व का हवाला देकर भाजपा के पक्ष में मतदान करने की अपील कर रहे हैं। उनकी अपील का कितना असर होगा, यह तो मतगणना के बाद ही पता चलेगा। फिलहाल पार्टी की अंदरूनी लड़ाई की वजह से सीट अपनों के बीच उलझी नजर आ रही है।
ये भी पढ़ें-
कांग्रेस और भाजपा दोनों ही सीट जीतने को बेताब
तुगलकाबाद विधानसभा सीट पर जीत हासिल करने के लिए कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों बेताब हैं। इस सीट पर कांग्रेस 1998 के बाद वापसी नहीं कर पाई है।
वहीं आम आदमी पार्टी ने 2015 में यह सीट भाजपा से छीनी थी। तब से भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी भी यहां पर जीत की बाट जोह रहे हैं।
भाजपा और कांग्रेस बदले प्रत्याशी
इस बार भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अपने प्रत्याशी बदले हैं। पिछले चुनाव में भाजपा के विक्रम बिधूड़ी को 45 हजार वोट मिले थे। आप प्रत्याशी सहीराम पहलवान ने भाजपा के विक्रम बिधूड़ी को 13,758 मतों के अंतर से हराया था। आम आदमी पार्टी को 58,905 वोट मिले थे। कांग्रेस के शुभम शर्मा को महज 1,342 मतों पर ही संतोष करना पड़ा था।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।