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    Delhi Chunav 2025: सरकार बनने की गारंटी देती है ये सीट, जो जीतता है वही बनता है CM; दिलचस्प है इतिहास

    Updated: Thu, 09 Jan 2025 09:03 AM (IST)

    राजधानी दिल्ली की एक ऐसी विधानसभा है जहां से जिस पार्टी का विधायक चुनाव जीतता है तो सरकार भी उसकी बन जाती है। जी हां पिछले कई चुनावों से दिल्ली की नई दिल्ली सीट जीत के साथ सरकार की भी गारंटी देती है। आइए आपको इस रिपोर्ट में बताएंगे आखिर इस सीट पर कब-कब कौन जीता है और किसकी सरकार बनी है।

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    नई दिल्ली सीट का इतिहास बेहद दिलचस्प है। फाइल फोटो

    निहाल सिंह, जागरण। पहली बार एक ही सीट पर दो पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे प्रवेश वर्मा और संदीप दीक्षित चुनाव मैदान में है तो स्वयं पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चौथी बार टक्कर दे रहे हैं। हम बात कर रहे हैं नई दिल्ली विधानसभा सीट की। तीनों प्रत्याशियों ने अपनी पूरी ताकत लगा रखी है।

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    राजनीतिक गलियारों में इस सीट के लिए कहा जाता है कि जो दल इस सीट से जीतता है, उसकी सरकार बनने की गारंटी होती है। आंकड़े भी यही बताते हैं। वर्ष 1993 में भाजपा प्रत्याशी कीर्ति आजाद यहां से जीतते थे तो दिल्ली में भाजपा की सरकार बनी थी।

    तीन बार लगातार शीला दीक्षित की सरकार बनी

    इसके बाद तीन बार लगातार शीला दीक्षित जीतीं तो कांग्रेस की सरकार बनी। वर्ष 2013 में 28 सीट आम आदमी पार्टी को आईं। आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली सीट से स्वयं चुनाव जीते थे तो पूर्ण बहुमत न होने के बाद भी उन्होंने सरकार बनाई।

    केजरीवाल भी यहीं से जीतकर बने सीएम

    इसके बाद हुए दो चुनाव में केजरीवाल ने जीत दर्ज की और सीएम भी बने। नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति के आवास है। यहां रहने वाले ज्यादातर मतदाता केंद्र सरकार या सांसदों के आवास में कार्यरत हैं। ऐसे में, दिल्ली सरकार के कामकाज का आंकलन करने के बाद ही यहां का मतदाता मतदान करता है।

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    वर्ष 1993 में यहां से कीर्ति आजाद जीते तो मदनलाल खुराना मुख्यमंत्री बने थे। हालांकि आरोपों के चलते उन्होंने इस्तीफा दिया और साहिब सिंह वर्मा सीएम बने। उनके इस्तीफे के बाद सुषमा स्वराज सीएम बनीं। इसके बाद 1998 में कांग्रेस ने 52 सीटें जीतीं तो शीला दीक्षित सीएम बनीं। इसके बाद 2003 और 2008 में भी कांग्रेस ने जीत दर्ज की।

    2013 में शीला दीक्षित हार गईं

    वर्ष 2010 और 2011 में भ्रष्टाचार के विरोध में अन्ना हजारे का आंदोलन हुआ तो अन्ना हजारे के बाद उसका चेहरा बने अरविंद केजरीवाल। कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए अरविंद केजरीवाल ने शीला दीक्षित के सामने चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी थी। यही वजह रही कि 2013 में यहां से शीला दक्षित चुनाव हार गईं।

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    अरविंद केजरीवाल की पार्टी 28 सीटें लेकर आई, कांग्रेस की आठ और भाजपा की 32 सीटें थी। सबसे बड़ा दल होने के बाद भी भाजपा ने सरकार बनाने का दावा नहीं किया तो उपराज्यपाल ने आप को आमंत्रित किया। कांग्रेस ने आप को मुद्दों पर समर्थन का एलान कर दिया और केजरीवाल सीएम बने।

    49 दिन चली थी सरकार

    हालांकि 49 दिन ही सरकार चली, फिर वर्ष 2015 और 2020 में आप ने जीत दर्ज की। नई दिल्ली सीट से वर्ष 2013 में भाजपा ने विजेंद्र गुप्ता को यहां प्रत्याशी बनाया था जबकि 2015 में छात्र नेता रहीं नुपुर शर्मा प्रत्याशी बनी थी। वर्ष 2020 में भाजपा ने सुनील यादव को प्रत्याशी बनाया, लेकिन जीत नहीं मिली। वर्ष 2008 में यहां से भाजपा नेता विजय जौली चुनाव हार गए थे।

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    नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र के ये हैं प्रमुख इलाके

    मंदिर मार्ग, कालीबाड़ी मार्ग, राष्ट्रपति एस्टेट, बाबा खड़ग सिंह मार्ग, नार्थ एवेन्यू, साउथ एवेन्यू, जनपथ, गोल्फ लिंक, रविंद्र नगर, लोधी एस्टेट, पिलंजी गांव, सरोजनी नगर, किदवई नगर, बीके दत्त कालोनी, लोधी कालोनी, अंसारी नगर, जोर बाग

    नई दिल्ली विस सीट से कब कौन जीता

    साल         विजयी           उम्मीदवार पार्टी             कितने वोट से जीते 

    1993     कीर्ति आजाद       भाजपा                           3,803 

    1998      शीला दीक्षित       कांग्रेस                           5,667  

    2003      शीला दीक्षित        कांग्रेस                         12,935 

    2008       शीला दीक्षित        कांग्रेस                        13,982 

    2013      अरविंद केजरीवाल आप                           25,864 

    2015 अरविंद केजरीवाल      आप                         31,583 

    2020 अरविंद केजरीवाल    आप                           21,697

    दिल्ली में 2013 से पहले दलों का मत प्रतिशत 

    दल      1993    1998      2003   2008

    भाजपा  42.8     34          35.2    36.3 

    कांग्रेस   34.5    47.8        48.1    40.3 

    जनता दल 12.6  1.8  

    एनसीपी                            2.2  

    जनता दल (एस)                 0.7 

    बसपा                                           14 

    एलजेपी                                         1.3