दिल्ली के लिए खतरनाक साबित हो रही ई-रिक्शा, वाहन चालकों ने साढे छह माह में ली 17 लोगों की जान
दिल्ली में ई-रिक्शा चालकों की लापरवाही से हादसे बढ़ रहे हैं। इस साल छह महीने में 17 लोगों की जान जा चुकी है। पुलिस के अनुसार सख्त कानून न होने से चालक यातायात नियमों का उल्लंघन करते हैं। बिना पंजीकरण के चलने वाले कई ई-रिक्शा जब्त किए गए लेकिन चुनाव के बाद कार्रवाई धीमी हो गई। नाबालिग चालकों की संख्या भी चिंताजनक है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी में ई रिक्शा लोगों की सुविधा के साथ-साथ परेशानी का भी सबब बनने लगा है। दिल्ली यातायात पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक इस साल लापरवाह ई रिक्शा चालकों ने साढे छह माह में 17 लोगों की जान ले ली।
तेज रफ्तार और लापरवाह तरीके से ई-रिक्शा चलाने के कारण टक्कर लगने से लोगों की जान गई। इसके अलावा लापरवाह तरीके से ई रिक्शा चलाने पर दूसरे वाहनों की चपेट में आने से भी ई रिक्शा सवार 11 लोगों की मौत हो गई। दोनों हादसे ई रिक्शा चालकों की ही लापरवाही के कारण हुई जिनमें कुल 28 लोगों की जान चली गई।
पुलिस का कहना है कि ई रिक्शा को लेकर कोई सख्त कानून न होने के कारण चालक यातायात नियमों का उल्लंघन करते हैं। इन पर न तो परिवहन विभाग अंकुश लगा पा रहा है और न ही यातायात पुलिस। राजधानी में जाम लगने का एक बड़ा कारण ई रिक्शा ही माना जा रहा है।
एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि साढे छह माह में बिना पंजीकरण के चलने वाले 1488 ई रिक्शा जब्त भी किए गए। ई रिक्शा के बढ़ते आतंक को देखते हुए दिल्ली विधान सभा चुनाव से पहले उप राज्यपाल ने यातायात पुलिस और परिवहन विभाग को हर माह बिना पंजीकरण के चलने वाले ई रिक्शा को जब्त करने का टारगेट दिया था।
जब्त किए गए ई रिक्शा को बुलडोजर से तोड़ दिया जाता था। चुनाव के बाद कार्रवाई धीमी पड़ गई। पुलिस का कहना है कि बड़ी संख्या में नाबालिग ई रिक्शा चलाते हैं जो सबसे अधिक यातायात नियमों का उल्लंघन करते हैं। पुलिस अधिकारी का कहना है कि अधिकतर लोग ई रिक्शा किराए पर चलवाते हैं।
ई रिक्शा की टक्कर से लगने वाले हादसे
कुल दुर्घटना | लोगों की मौत | घायल हुए |
61 | 17 | 67 |
दूसरे वाहनों की टक्कर से ई रिक्शा सवार लोगों के साथ हुए हादसे
कुल दुर्घटना | लोगों की मौत | घायल हुए |
61 | 11 | 92 |
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