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    द्वारका के लाखों लोगों का 24 साल पुराना इंतजार होने जा रहा है खत्म, अब मिलने जा रही ये बड़ी सुविधा

    By Prateek KumarEdited By:
    Updated: Thu, 18 Feb 2021 06:30 PM (IST)

    लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) अधिकारियाें के मुताबिक 30 जून को अस्पताल की इमारत स्वास्थ्य विभाग को सौंप दी जाएगी। अस्पताल की इमारत भूकंपरोधी व दिव्य ...और पढ़ें

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    पीडब्ल्यूडी 30 जून को इंदिरा गांधी अतिविशिष्ट अस्पताल की इमारत स्वास्थ्य विभाग को कर देगा सुपुर्द

    नई दिल्ली, मनीषा गर्ग। उपनगरी द्वारका को जल्द ही अपना पहला सरकारी अस्पताल मिलने वाला है। द्वारका सेक्टर-नौ में लंबे समय से निर्माणाधीन इंदिरा गांधी अतिविशिष्ट अस्पताल जल्द शुरू होगा। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) अधिकारियाें के मुताबिक 30 जून को अस्पताल की इमारत स्वास्थ्य विभाग को सौंप दी जाएगी। अस्पताल की इमारत भूकंपरोधी व दिव्यांगों के लिए अनुकूल है। उधर, स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक अस्पताल के लिए सभी जरूरी सामानों के लिए टेंडर निकाला जा चुका है।

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    योजना के मुताबिक अस्पताल की कुल क्षमता 1,725 बेड की है, लेकिन इसे चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा। पहले चरण में अस्पताल 1,241 बेड से शुरू होगा। पहले चरण के बाद दूसरे चरण में शेष 484 बेड को शुरू किया जाएगा। अस्पताल में प्रसूति और स्त्री रोग विभाग, आर्थोपेडिक विभाग, मेडिसन विभाग, सर्जरी विभाग, नेत्र विज्ञान विभाग, ईएनटी (इयर-नाेज-थ्रोट) विभाग, त्वचा विभाग, पैथोलाजी विभाग, माइक्रो बायाेलाजी विभाग, एनेस्थीसिया विभाग, रेडियोलाजी विभाग व पीडिऐट्रिक्स विभाग शामिल है। साथ ही इसमें ओपीडी, आइपीडी, इमरजेंसी, लैब सर्विस, रेडियोलाजी (एक्स-रे व अल्ट्रासाउंड), ब्लड बैंक, फिजीयोथेरेपी, आइसीयू व डायलिसिस की सुविधा होगी। अधिकारियों के मुताबिक डायलिसिस को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) प्रणाली पर शुरू किया जाएगा।

    1997 में मिली थी जमीन

    ज्ञात हो वर्ष 1997 में डीडीए ने स्वास्थ्य विभाग को अस्पताल के निर्माण के लिए 15 एकड़ जमीन आवंटित की थी। 2008 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने इसका शिलान्यास किया था। 24 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार अस्पताल जनता को सुपुर्द होने जा रहा है। पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों के मुताबिक फिलहाल निर्माण कार्य को अंतिम रूप देने का कार्य जारी है। बीते कुछ वर्षों में द्वारका के अंतर्गत कई निजी अस्पतालों के निर्माण के बाद स्वास्थ्य सुविधाएं काफी मजबूत हुई है, लेकिन सरकारी सुविधाओं की कमी अभी भी लोगों को काफी खलती है। आलम यह है कि सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ लेने के लिए लोगों को एम्स, राम मनोहर लोहिया अस्पताल व सफदरजंग अस्पताल का रुख करना पड़ता है।

    आसपास के सरकारी अस्पतालों की बात करें तो उसमें हरि नगर स्थित दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल व जनकपुरी स्थित अतिविशिष्ट अस्पताल है। पर जनकपुरी अतिविशिष्ट अस्पताल अभी तक अपनी पूरी क्षमता के साथ शुरू नहीं हुआ है, वहीं, दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में दबाव अधिक है। ऐसे में यहां स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठा पाना काफी चुनौतीपूर्ण है।

    इंदिरा गांधी अतिविशिष्ट अस्पताल के शुरू होने के बाद द्वारका के साथ-साथ पालम, नजफगढ़, उत्तम नगर, जनकपुरी निवासियों को भी काफी लाभ मिलेगा। साथ ही दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल से दबाव भी कम होगा। हालांकि आसपास के अन्य सरकारी अस्पतालों का विस्तार कार्य भी तीव्रगति से जारी है। उम्मीद है आने वाले कुछ सालों पश्चिमी दिल्ली स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में काफी मजबूत होगा।