Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    LNJP, GTB से लेकर दिल्ली सरकार के कई अस्पतालों के डॉक्टरों की बड़ी मांग, OPS हो लागू; एलजी को सौंपा ज्ञापन

    Updated: Fri, 02 May 2025 08:13 PM (IST)

    दिल्ली सरकार के अधीन अस्पतालों के वरिष्ठ डॉक्टरों ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग करते हुए उपराज्यपाल कार्यालय में ज्ञापन सौंपा। लगभग 70 डॉक्ट ...और पढ़ें

    Hero Image
    पुरानी पेंशन की मांग को लेकर दिल्ली के अस्पतालों के 70 डॉक्टरों ने एलजी से की अपील

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के अधीन संचालित अंबेडकर, लोक नायक और गुरु गोविंद सिंह अस्पताल सहित कई प्रमुख सरकारी अस्पतालों के वरिष्ठ डॉक्टरों ने पुरानी पेंशन योजना (सेंट्रल सिविल सर्विसेज पेंशन रुल्स 1972) को लागू किए जाने की मांग को लेकर शुक्रवार को उपराज्यपाल कार्यालय में ज्ञापन सौंपा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    करीब 70 वरिष्ठ डॉक्टरों का प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार दोपहर एलजी कार्यालय पहुंचा और पुरानी पेंशन योजना में शामिल किए जाने की मांग की।

    डॉक्टरों का कहना है कि सरकार उन्हें नई राष्ट्रीय पेंशन योजना (2004) के तहत रखा हुआ है, जबकि वे लंबे समय से सेवा में हैं और उन्हें पुरानी योजना का लाभ मिलना चाहिए।

    'सरकार खुद ही स्थायी पद पर नियुक्ति नहीं कर रही तो...'

    एक वरिष्ठ डॉक्टर, जो अगले वर्ष सेवानिवृत्त होने जा रही हैं, ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि 'नई पेंशन योजना' के तहत मिलने वाली राशि बहुत कम है। इस पेंशन से तो हम अपने स्वास्थ्य से जुड़ी जरूरी जरूरतें भी पूरी नहीं कर पाएंगे।

    उन्होंने कहा कि सरकार का यह तर्क कि वे अनुबंध पर नियुक्त हैं और इसलिए उन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल सकता, सरासर अन्यायपूर्ण और दोहरा मापदंड है।

    जब वर्षों से सरकार खुद ही नियमित पदों पर भर्ती नहीं कर रही और सिर्फ अनुबंध पर नियुक्तियां कर रही है, तो इसमें डॉक्टरों की क्या गलती है? फिर हमें पेंशन से वंचित क्यों किया जा रहा है।

    दिल्ली ही नहीं आसपास के लिए भी जरूरी हैं दिल्ली के अस्पताल

    एक अन्य डॉक्टर ने कहा, हम पूरी प्रक्रिया से नियुक्त हुए हैं, वर्षों तक सरकारी अस्पतालों में सेवा दी है और अब हमें यह कहकर वंचित किया जा रहा है कि हम अनुबंधित कर्मचारी हैं।

    उन्होंने कहा कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टर न केवल राजधानी बल्कि आसपास के क्षेत्रों के गरीब और मध्यम वर्गीय लोगों की रीढ़ की हड्डी हैं। हमने अपना पूरा जीवन सेवा में लगा दिया और अब हमारे बुजुर्गावस्था में हमें सम्मान से जीने का अधिकार नहीं दिया जा रहा।

    300 से ज्यादा डॉक्टरों पर असर

    डॉक्टरों के इस समूह का कहना है कि फिलहाल करीब 300 से ज्यादा डॉक्टर ऐसे हैं जो इस नीतिगत असमानता से प्रभावित हो रहे हैं।

    डॉक्टरों ने कहा कि वे उपराज्यपाल से मुलाकात नहीं कर पाए, लेकिन उन्होंने अपना ज्ञापन सौंप दिया है और अब उन्हें जवाब की प्रतीक्षा है। अगर हमारी मांगों को नजरअंदाज किया गया, तो हम मजबूरन प्रदर्शन का रास्ता अपनाएंगे।